उदयरामपुर में काली रात : इधर सजी डोली, उधर उठी अर्थी
डोली के रूप में विजय सिंह के द्वारे (दरवाजा) पर कार सजीं खड़ी थी। आरती और ज्योति की डोली उठने की तैयारियां चल रही थी। स्वजन दुल्हनों की विदाई के कार्य जुटे थे कि अचानक धायं-धायं की आवाज से भगदड़ मच गई। कुछ लोग लाल जोड़े में सजीं दुल्हनों को बचाने में लगे तो कुछ अपने को बचाने में जुटे थे।
-लाइव स्टोरी-
विशाल गोयल, हापुड़ :
धौलाना क्षेत्र के ग्राम उदयरामपुर में डोली के रूप में विजय सिंह के द्वारे (दरवाजा) पर कार सजी खड़ीं थीं। आरती और ज्योति की डोली उठाने की तैयारियां चल रही थीं। स्वजन दुल्हनों की विदाई के कार्य में जुटे थे कि अचानक धांय-धांय की आवाज से भगदड़ मच गई। कुछ लोग लाल जोड़े में सजीं दुल्हनों को बचाने में लगे तो कुछ अपने को बचाने में जुटे थे। यह माहौल डाकूओं पर आधारित किसी पुरानी फिल्म से कम नहीं था।
धौलाना थाना क्षेत्र का गांव नंगला उदयरामपुर रविवार की काली रात शायद कभी नहीं भूला पाएगा। गांव निवासी विजय सिंह की दो बेटियों का रिश्ता हरियाणा के फरीदाबाद के गांव अनंगपुर निवासी दो सगे भाइयों सचिन और सागर से तय हुआ था। रविवार सुबह बरात गांव में आई थी। दिन भर गांव में खुशी का माहौल था। जैसे- जैसे दिन ढलता गया स्वजन बरातियों के स्वागत और विदाई की तैयारियों में जुटे थे। बरात का जोरदार स्वागत किया गया और अन्य रस्में की जाने लगी। विदाई को कुछ ही पल शेष रह गए थे। आरती और ज्योति भविष्य के सुनहरे सपने बुन रही थीं। तभी हमलावरों ने मौके पर पहुंच कर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमलावरों ने कई राउंड गोलियां चलाईं। गोली लगने से दुल्हे के चाचा सुधीर की मौके पर मौत हो गई। वहीं सात लोग घायल हो गए। गोलियों की आवाज से गांव में भगदड़ मच गई। खुशियां गम में तब्दील हो गई। चारों ओर केवल चीख पुकार सुनाई देने लगी। हर कोई यह जानने की कोशिश में लग गया कि आखिर यह हुआ क्या है? कुछ ही देर में गांव छावनी में तब्दील हो गया।