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गांव शौलाना में मनरेगा से हुए कार्यों में मिली अनियमितता

15एचपीआर-29 जागरण संवाददाता हापुड़ धौलाना तहसील क्षेत्र के गांव शौलाना में मनरेगा से हु

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:41 PM (IST)
गांव शौलाना में मनरेगा से हुए कार्यों में मिली अनियमितता

15एचपीआर-29 जागरण संवाददाता, हापुड़

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धौलाना तहसील क्षेत्र के गांव शौलाना में मनरेगा से हुए विकास कार्यों में घोटाले की बू आ रही है। ग्रामीण की शिकायत पर जांच करने पहुंचीं लोकपाल को जांच के दौरान कई बड़ी अनियमितताएं मिली हैं। स्थलीय जांच के बाद लोकपाल ने खंड विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिव से अभिलेख मांगे हैं। ग्रामीण रामअवतार सिंह ने मनरेगा के लिए शासन स्तर से नामित लोकपाल को प्रार्थना पत्र सौंपा। जिसमें उन्होंने गांव में मनरेगा से हुए विकास कार्यों में धांधली के आरोप लगाए। रामअवतार ने कहा कि गांव में फर्जी तरीके से पशु शेड दिखाकर धनराशि निकाल ली। बोरिग के नाम पर ऐसे व्यक्ति को दर्शाया गया है, जिसके पास जमीन नहीं है और न ही बोरिग है। श्याम सिंह के नाम बोरिग दिखाया गया है, जो मौके पर नहीं है। सात-आठ बोरिग ऐसे किसानों के नाम पर दर्शाए गए हैं, जो अब से लगभग 20 वर्ष पुराने हैं। शिकायत पर संज्ञान लेकर सोमवार को लोकपाल अंशु त्यागी गांव में जांच के लिए पहुंचीं। स्थलीय जांच के दौरान पता चला कि करीब एक किलोमीटर की चकरोड में से महज 100 मीटर जेसीबी से कार्य कराया। शेष ऐसे ही छोड़ दी। यही नहीं मनरेगा श्रमिक के नाम वर्ष 2019-20 में पशु शेड बनवाया दिखाया गया है, लेकिन मौके पर कोई पशु शेड नहीं है। एक मनरेगा श्रमिक ने जांच के दौरान लोकपाल को बताया कि उसने मनरेगा से कोई काम नहीं किया। जबकि उसके खाते में 11 हजार 500 रुपये आ गए। जिसमें से 10 हजार रुपये जनप्रतिनिधि ने ले लिए। वहीं कार्यों के लगाए जाने वाले बोर्ड या तो गायब मिले या टूटे हुए मिले। मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी ने बताया कि स्थलीय जांच के दौरान कई बड़ी गड़बड़ियां मिली हैं। जांच की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई है। बीडीओ और ग्राम पंचायत सचिव से अभिलेख मांगे हैं। जिसके बाद आगे की कार्रवाई कराई जाएगी।


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