जिदगी के आखिरी पड़ाव में जिगर के टुकड़ों ने वृद्धा को घर से निकाला
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर जिगर के टुकड़ों द्वारा सेवाभाव करने के बजाय मारपीट कर घर
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:
जिगर के टुकड़ों द्वारा सेवाभाव करने के बजाय मारपीट कर घर से निकाली गई वृद्धा जिदगी के आखिरी पड़ाव में दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है, जिसने बेटों पर कार्रवाई कराने की गुहार लगाई है।
तीन बेटे और उनके भरे पूरे परिवार होने के बाद भी सिभावली क्षेत्र के एक गांव की बुजुर्ग महिला दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं, उनका आरोप है कि दो वक्त की रोटी और बीमार होने पर दवा दिलाने के बजाय बेटे और उनके स्वजन आए दिन अभद्रता करते आ रहे थे। आरोप है कि रविवार की रात में मारपीट कर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया, जिससे वह अपनी जिंदगी का शेष बचा समय दर-दर की ठोकर खाते हुए बिताने को मजबूर हो रही हैं। पीड़िता का कहना है कि पड़ोसियों समेत समाज से जुड़े लोगों ने उसके बेटों को खूब समझाया, परंतु वे उसे घर में रखने को तैयार नहीं हैं। पीड़िता का कहना है कि दो साल पहले पति का निधन होने के बाद उनके जो बुरे दिन शुरू हुए थे, वे आज भी पीछा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
पीड़िता ने बताया कि उसने एक व्यक्ति की मदद लेकर एसपी को पत्र भेजा है, जिसमें तीनों बेटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराने के साथ ही जमीन जायदाद में हिस्सा दिलाने की गुहार भी लगाई गई है। थाना प्रभारी राहुल चौधरी का कहना है कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, परंतु शिकायत आने पर जांच कराकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।