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जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

जागरण संवाददाता हापुड़ प्रदेश में जीका वायरस के मिले मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभा

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 07:25 PM (IST)
जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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प्रदेश में जीका वायरस के मिले मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जनपद में अलर्ट जारी कर दिया है। जीका वायरस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जनपद में बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी देने की अपील की है। जिससे उनकी पूरी जांच की जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि जीका वायरस के खतरे को देखते हुए यहां मच्छरों के नमूनों की जांच की जाएगी। यह वायरस खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की अधिक निगरानी की जाएगी। जीका वायरस को देखते हुए जिले में चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। जनपद में यह न फैले, इसके लिए उचित दिशा-निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने बताया कि अन्य जनपदों और राज्यों से आने वाले लोगों की खास निगरानी की जाएगी। टीम को भेजकर उनके स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी। जिससे जनपद में इस वायरल को फैलने से बचाया जा सके। इसके लिए टीम का भी गठन किया जा रहा है। संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे।

----- यह है जीका वायरस के लक्षण -

इससे संक्रमित होने वाले मरीज के शरीर पर हल्के लाल निशान, बुखार, आंखों से पानी निकलने के साथ आंखें लाल हो जाती है। यह बुखार 5 से 7 दिन तक रहता है। यह खासकर गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है। गर्भवती महिला यदि इसकी चपेट में आती है तो बच्चे का पूरा विकास नहीं हो पाता है।

----- यह है जीका वायरस -

जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह वही मच्छर है जिसके काटने से चिकनगुनिया और डेंगू फैलता है। यह गर्भ ठहरने के दो तीन महीने में महिला इससे संक्रमित होती है। जिसके बाद इसके गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है। इससे प्रभावित बच्चे का जन्म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ हो सकते हैं। यह शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और लोग लकवा का शिकार हो सकते हैं। जीका वायरस वाला मच्छर सुबह शाम ज्यादा सक्रिय होता है।


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