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बारूद के ढेर पर बैठे हैं हापुड़वासी, एक चिगारी तबाही के लिए काफी

जागरण संवाददाता हापुड़ दिवाली का पर्व नजदीक आते ही पटाखे के कारोबार ने तेजी पकड़ ली

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:02 AM (IST)
बारूद के ढेर पर बैठे हैं हापुड़वासी, एक चिगारी तबाही के लिए काफी

जागरण संवाददाता, हापुड़

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दिवाली का पर्व नजदीक आते ही पटाखे के कारोबार ने तेजी पकड़ ली है। शहर की संकरी गलियों में धड़ल्ले से पटाखे बनाने का काम हो रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन इस कारोबार पर नकेल कसता दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में यह कहना उचित ही होगा कि शहरवासी बारूद के ढेर पर बैठे हुए हैं और तबाही मचाने के लिए महज एक चिगारी ही काफी है, क्योंकि जिन गलियों में इस बारूद को बनाया जा रहा है, वहां आसानी से दमकल की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती। इस काम में महिलाओं के साथ साथ बच्चे भी पटाखा बनाने का काम कर रहे हैं। पटाखा बनाने के मामले में हापुड़ शहर दशकों से काफी मशहूर है। यहां के पटाखे आसपास के कई जनपदों में बेचे जाते हैं। शहर में ही 50 से अधिक घरों में पटाखों का निर्माण होता है, जबकि गढ़ व पिलखुवा में भी दर्जनों घरों में यह कारोबार जारी है। पुलिस और प्रशासन इस तरफ से बेखबर है, जबकि हर बार दीपावली के आसपास क्षेत्र में कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है। वर्ष 2013 में पटाखा बनाते समय मोहल्ला कानून गोयान में विस्फोट हो गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।

करीब तीन साल पहले पटाखा बनाते समय एक घर में विस्फोट हो गया था, जहां दो लोग झुलस गए थे। हालांकि पुलिस ने दावा किया था कि सिलेंडर में आग लगने के कारण हादसा हुआ है। वर्ष 2017 में थाना हाफिजपुर क्षेत्र में हरसिंहपुर गांव के एक मकान में शादी समारोह में पटाखे बनाने वाली विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। 14 जून 2019 को पिलखुवा में अवैध पटाखे बनाते वक्त एक मकान में विस्फोट हो गया। विस्फोट में एक की मौत हो गई है, जबकि एक घायल हुआ है। इसके अलावा भी कई बार अवैध रूप से पटाखे बनाते हुए मिले हैं। जनपद में बेचने और बनाने के करीब आठ लाइसेंस है। जिनका वर्ष 2019 तक नवीनीकरण था। संकरी गलियों में नहीं पहुंच पाती है दमकल की गाड़ियां

नगर में जिन संकरी गलियों में पटाखा बनाने का कार्य किया जाता है। वहां दमकल गाड़ी भी नहीं पहुंच पाती है। हादसे के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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- इन इलाकों में बनते हैं पटाखे

बुलदंशहर रोड पर मजीदपुरा, पुराना बाजार, चाहकमाल, कानूनगोयान आदि मोहल्ले अवैध पटाखे बनाए जाते हैं। इस अवैध कारोबार में महिला के साथ साथ बच्चे भी कार्य कर रहे हैं। जिससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। ----------- अवैध पटाखा बनाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई जनपद के सभी थाना सीओ और थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अवैध रूप से पटाखे किसी भी हाल में न बनाए जाएं। सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। अगर कहीं अवैध भंडारण या बनाए जाने की सूचना मिलती है तो तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लाइसेंस धारकों का सत्यापन कराया जाएगा। सर्वेश कुमार मिश्रा,अपर पुलिस अधीक्षक

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क्या कहते हैं अपर जिलाधिकारी

इस वर्ष किसी का भी पटाखे बेचने या बनाने के लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया गया। कोरोना और प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पटाखों की बिक्री नहीं होगी। अगर अवैध रूप से कोई पटाखा बनाता या बेचता है मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। जयनाथ यादव, अपर जिलाधिकारी


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