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चीनी बिक्री का कोटा और रेट बढ़ने से आएगी भुगतान में तेजी

केंद्र सरकार द्वारा चीनी के रेटों में बढ़ोतरी और जनपद की चीनी मिलों की चीनी बिक्री का कोटा बढ़ाने से बकाया गन्ना भुगतान में तेजी आएगी। केंद्र सरकार का यह निर्णय आगामी लोकसभा चुनाव को देखते ही सही, लेकिन किसानों के फायदे का सौदा है। हालांकि दो रुपये प्रति कुंतल चीनी के रेट बढ़ाने को चीनी मिलों के प्रबंधन ऊंट के मुंह में जीरा बता रहे हैं। यानि उनकी मांग है कि चीनी कम से कम 3500 रुपये प्रति कुंतल होना चाहिए। तभी चीनी मिलें घाटे से उभर सकती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 05:58 PM (IST)
चीनी बिक्री का कोटा और रेट बढ़ने से आएगी भुगतान में तेजी
चीनी बिक्री का कोटा और रेट बढ़ने से आएगी भुगतान में तेजी

जागरण संवाददाता, हापुड़

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केंद्र सरकार द्वारा चीनी के रेटों में बढ़ोतरी और जनपद की मिलों की चीनी बिक्री का कोटा बढ़ाने से बकाया गन्ना भुगतान में तेजी आएगी। इससे किसानों के फायदा होगा। हालांकि दो रुपये प्रति कुंतल चीनी के रेट बढ़ाने को चीनी मिलों के प्रबंधन ऊंट के मुंह में जीरा बता रहे हैं। उनकी मांग है कि चीनी का दाम कम से कम 3500 रुपये प्रति कुंतल होना चाहिए। तभी चीनी मिलें घाटे से उभर सकती हैं।

पिछले वर्ष बंपर उत्पादन के बाद गिरे चीनी के दामों में अब तक सुधार नहीं हुआ है। पिछले साल तो चीनी के दाम ढाई हजार रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गए थे। तब से चीनी के दामों में सुधार नहीं हुआ। इससे किसानों का गन्ना भुगतान भी अटक गया था। जबकि चीनी मिलें घाटे का रोना रो रही हैं। किसान और चीनी मिल दोनों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल चीनी के न्यूनतम दाम 2900 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित कर दिए थे। इससे चीनी मिलों को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन फिर भी चीनी मिल मालिक इसे कम बता रहे थे। वर्तमान में चीनी के बाजार दाम 3050 रुपये प्रति कुंतल चल रहे हैं। सरकार ने चीनी के

न्यूनतम दाम 200 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाए हैं। जिसके बाद अब चीनी के दाम 3100 रुपये प्रति कुंतल हो गए हैं। इससे जिले की दो चीनी मिलों को भी काफी राहत मिलेगी। न्यूनतम मूल्य 3100 रुपये प्रति कुंतल होने से बाजार मूल्य 3300 रुपये प्रति कुंतल तक जा सकते हैं।

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चीनी मिलों के पास लाखों कुंतल चीनी का स्टॉक

वर्तमान में चीनी मिलों पर लाखों कुंतल चीनी का स्टॉक है। 200 रुपये की बढ़ोतरी से मिलों को करोड़ों रुपये का फायदा होगा। इससे बकाया गन्ना भुगतान में भी तेजी आएगी। एक आंकड़े के मुताबिक, जनपद की चीनी मिलों का फरवरी माह में चीनी बिक्री कोटा एक लाख 77 हजार 450 कुंतल का है। 200 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि से चीनी मिलों को 3 करोड़ 54 लाख 90 हजार रुपये का फायदा होगा। वहीं कोटा बढ़ने से किसानों को 23 करोड़ 25 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान हो सकेगा।

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क्या कहते हैं अधिकारी

केंद्र सरकार ने न्यूनतम चीनी बिक्री के रेट में 200 रुपये प्रति कुंतल का इजाफा किया है। जिससे भुगतान में तेजी के साथ-साथ चीनी मिलों को भी फायदा पहुंचेगा।

ओपी ¨सह, जिला गन्ना अधिकारी

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चीनी बिक्री के न्यूनतम रेट में 200 रुपये कुंतल की बढ़ोतरी केंद्र सरकार ने की है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जब तक चीनी का दाम 3500 रुपये प्रति कुंतल नहीं होगा, तब तक चीनी मिलें घाटे में चलती रहेंगी। यदि सरकार को वाकई में चीनी मिलों और किसानों का ध्यान रखना है तो चीनी के न्यूनतम रेट और बढ़ाने होंगे।

करन ¨सह, मुख्य महाप्रबंधक, ¨सभावली शुगर्स लिमिटेड

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जनपद में मिलों पर बकाया और स्टॉक की स्थिति

मिल का नाम पेराई सत्र बकाया

¨सभावली 2017-18 48.01 करोड़

ब्रजनाथपुर 2017-18 47.72 करोड़

¨सभावली 2018-19 280.88 करोड़

ब्रजनाथपुर 2018-19 86.58 करोड़


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