हापुड़ में भैंसा दौड़ में जीते 50 हजार, जश्न में कर दी फायरिंग, पढ़िए फिर क्या हुआ
कार्तिक पूर्णिमा मेले में आस्था की आड़ में बेजुबान पशुओं पर हुड़दंगियों का कहर जारी है। शु्क्रवार देर रात को भी एक भैंसा दौड़ की गई। मेरठ मेडिकल थाने से शुरू हुई दौड़ में एक भैंसा ढाई घंटे में गढ़ पहुंच कर जीत गया।
हापुड़ /गढ़मुक्तेश्वर [प्रिंस शर्मा] । कार्तिक पूर्णिमा मेले में आस्था की आड़ में बेजुबान पशुओं पर हुड़दंगियों का कहर जारी है। शु्क्रवार देर रात को भी एक भैंसा दौड़ की गई। मेरठ मेडिकल थाने से शुरू हुई दौड़ में एक भैंसा ढाई घंटे में गढ़ पहुंच कर जीत गया। जिसमें भैंसा स्वामी को पचास हजार का इनाम दिया। इनाम मिलने के बाद गढ़ नगर के नक्का कुंआ रोड पर जश्न भी बनाया गया, इस दौरान दो लोगों ने अवैध हथियार से फायरिंग भी की। मामले की जानकारी पुलिस को भी दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस से पहले ही फायरिंग करने वाले दोनों युवक फरार हो गए। कार्तिक पूर्णिमा मेले में एक ओर जहां श्रद्धालु अपने स्वजन के साथ मिलकर आस्था के समागम में पुण्य कमाने के लिए आ रहे है। वहीं दूसरी ओर इस मेले में कुछ शरारती तत्व माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। बेजुबान भैंसा दौड़ कराकरा जहां ऐसे लोग अपनी जान को खतरे में डाल रहे है। वहीं जीत के जश्न में होने वाली हर्ष फायरिंग से दूसरे की जान को भी खतरा पैदा कर रहे है।
शुकव्रार की देर रात को भी भैंसा दौड़ में 50 हजार रुपये जीतने के बाद हर्ष फायरिंग हुई। दरअसल मेरठ जनपद के गांव निवासी कुछ युवकों के बीच भैंसा दौड़ की शर्त रखी गई। शर्त की कीमत 50 हजार तय हुई। मेरठ मेडिकल अस्पताल से शुरू हुई दौड़ गढ़ नगर में आकर खत्म हुई। यहां जीतने वाले पक्ष के दो लोगों ने जश्न मनाते हुए तमंचे से हर्ष फायरिंग की। फायरिंग की घटना से आस पास के श्रद्धालुओं में अफरा तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस को देख कर आरोपित नौ दौ ग्यारह हो गए। पुलिस को मौके पर कुछ नहीं मिल सका।
पुलिस पर गोली मारों के नारे लगा चुके है हुड़दंगी
बता दिया जाए कि कार्तिक मेले के दौरान भैंसों की दौड़ करने वाले हुड़दंगी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे है। क्योंकि दो दिन पूर्व भी मेले में आने के दौरान भैंसों की दौड़ के दौरान नगर में फायरिंग की घटना हुई। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने का प्रयास किया तो अारोपितों ने पुलिस पर ही गोली माराें के नारे लगा दिए। इस दौरान पुलिस पर फायरिंग भी की गई।
महीनों से होती है भैंसे की सेवा
मेले के दौरान भैंसा दौड़ का हिस्सा बनने के लिए लोग महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। इसके लिए वे अपने भैंसे को एक माह पूर्व से ही दौड़ाने लगते हैं, वहीं उसे देशी घी की नाल, बादाम, सरसों का तेल, रातब, बिनौले आदि की खुराक देते हैं। हर दिन वे सुबह ही भैंसे को दौड़ाने के लिए जंगल में निकल जाते हैं। उसके बाद वे दौड़ के लिए विशेष रूप से तैयार होने वाली छोटी बुग्गियों को सजाधजा कर निकलते हैं तो फिर वो अपने अपने भैंसों की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें भरपूर दौड़ाते हैं। इस बीच उसे थकान से बचाने के लिए शराब से लेकर दूध में अंडे फेंट कर पिलाना आम बात है।
अपने साथी की बुग्गी से अपनी बुग्गी आगे निकालने के लिए अधिकांश युवा अपने भैंसे को तेजी से भगाते हैं। इसके लिए वे भैंसों को आर और सांटा मारते हैं, जिससे भैंसों की जान पर बन आती है। लेकिन उनके स्वामी अपनी मूछों की लड़ाई में अपने परिवारों व पशुओं की जान जोखिम में डालकर उन्हें दौड़ाते हैं। वहीं इस बीच सड़क पर पैदल व दूसरे वाहनों में सवार लोग भी इस दौड़ के कारण दुर्घटना का शिकार होकर हताहत होते हैं।
इस संबंध में एएसपी सर्वेश मिश्रा का कहना है कि भैंसे को दौड़ाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश दिये गए हैं। पुलिस द्वारा उनकी चेकिंग की जा रही है।