पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार देगी सहूलियत
जागरण संवाददाता हापुड़ सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के क्रम में प्रदूषण को ध्यान में रख
जागरण संवाददाता, हापुड़
सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के क्रम में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों के खेतों में गेहूं, धान की पराली के साथ-साथ गन्ने की पत्तियां जलाने पर पाबंदी लगाई है। इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन इस बार सरकार किसानों पर इसके लिए सिर्फ सख्ती ही नहीं करेगी बल्कि इसके निस्तारण के लिए सहूलियत भी देगी। इसके लिए जिले के 25 स्थानों पर पराली निस्तारण के उपकरण रखे जाएंगे। इच्छुक किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपकरण प्रदान किए जाने की व्यवस्था की है। उपकृषि निदेशक डॉ. वीबी द्विवेदी ने उपकरण के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन को कहा है। साथ ही धान की कटाई को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं। उपकृषि निदेशक ने बताया कि बुधवार को इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उत्तर प्रदेश संयुक्त कृषि निदेशक अभियंत्रण टीएम त्रिपाठी से विभिन्न बिदुओं को लेकर निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 36 साधन सहकारी समितियों में से 20, तीन समितियां और दो ग्राम पंचायतों पर पराली निस्तारण के लिए कृषि यंत्र खरीद कर रखे जाएंगे। इन स्थानों से यह यंत्र क्षेत्र के अन्य किसानों को निर्धारित किराए पर उपलब्ध कराया जाएगा। व्यक्तिगत किसान भी यदि पराली निस्तारण का उपकरण क्रय करना चाहेगा तो उसे 50 फीसदी अनुदान पर उपकरण उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि कृषि समितियों को ये उपकरण 80 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इच्छुक किसानों को 30 सितंबर तक हर दशा में यह उपकरण क्रय कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दो ग्राम पंचायतों में बहादुरगढ़ और खुड़लिया के नाम जिला पंचायत राज अधिकारी से मिले हैं, जिन्हें उपकरण खरीदने होंगे।