सप्ताह का साक्षात्कार : जिले के प्रत्येक नागरिक को शुद्ध पेयजल देना प्राथमिकता
जीवन परिचय जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली तहसील निवासी संजय जैन का जन्म 15 मई 1962 को हुआ था। इ
जीवन परिचय : जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली तहसील निवासी संजय जैन का जन्म 15 मई 1962 को हुआ था। इनके पिता महेंद्र पाल जैन अध्यापक थे। संजय जैन ने प्राथमिक शिक्षा सरकारी स्कूल से की। इसके बाद खतौली के जैन इंटर कॉलेज से वर्ष 1976 में 10वीं और 1978 में 12वीं पास की। इसके बाद वर्ष 1982 कोलकाता के कॉलेज से बीटेक की। बीटेक करते ही वर्ष 1983 में जल निगम में जूनियर इंजीनियर के पद पर नौकरी मिल गई। पहली तैनाती गढ़वाल में मिली। इसके बाद रुड़की, मेरठ, सहारनपुर, लखनऊ, मेरठ, हापुड़, आगरा, बागपत, मेरठ और अब एक बार फिर हापुड़ का चार्ज संभाल रहे हैं। ------- प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध पानी मिले, यह सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार ने कई विभागों का गठन कर रखा है। शहर से लेकर गांव-गांव में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन योजनाओं पर कितना काम हो चुका है और कितना अभी बाकी है। आखिर कब तक जिले के प्रत्येक नागरिक को शुद्ध पानी मिल पाएगा। पानी की जांच कराने के लिए क्या प्रक्रिया है। विभाग प्रत्येक माह पानी के कितने नमूने लेकर जांच करता है, आदि सवालों को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता गौरव भारद्वाज ने जल निगम के अधिशासी अभियंता संजय जैन से वार्ता की। पेश हैं, वार्ता के प्रमुख अंश। -------- - जिले में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिले के तीन ब्लॉक पहले से ही डार्क जोन में हैं। ऐसे में हर जिलेवासी को शुद्ध पानी देने का सपना कैसे पूरा होगा? - यह बात सही है कि जिले के तीन ब्लॉक डार्क जोन में हैं, जिन्हें डार्क जोन से बाहर निकालने का प्रयास चल रहा है। हर जिलेवासी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत ओवरहेड टैंक बनाकर शुद्ध पानी पहुंचाया जाएगा। --------- - हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत 2024 तक जिले के सभी गांवों में पानी पहुंचाने की योजना है। इस पर विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? - इस योजना के तहत पहले चरण में उन 65 गांवों को चिह्नित किया गया है, जिनमें पेयजल परियोजना के तहत ओवरहेड टैंक स्थापित हैं। इन गांवों में शुद्ध पेयजल से वंचित लोगों का सर्वे कराकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया। जिसमें से 13 गांवों के करीब छह करोड़ के प्रस्ताव पास कर धनराशि जारी कर दी गई है। जल्द ही इस पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। --------- - जिले में पेयजल योजना के तहत सात गांवों में ओवरहेड टैंक निर्माण और पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यह कार्य कब तक पूरा जाएगा, ताकि लोगों को शुद्ध पानी मिल सके? - सात गांवों में से दो गांवों में ओवरहेड टैंक के निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उनके पानी की जांच भी कराई गई है। सितंबर माह के अंत तक लोगों को पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। शेष गांवों में भी 70 से 80 फीसद कार्य पूरा हो चुका है, जिन्हें पूरा कराने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। ---------- - शहर और गांवों में लगे हैंडपंप अधिकतर खराब रहते हैं। कुछ हैंडपंप दूषित पानी उगलते हैं। उन्हें मरम्मत कराने की जिम्मेदारी किसकी है और दूषित पानी की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? - जल निगम द्वारा हैंडपंप के लिए स्थान चिह्नित होने के बाद पानी की जांच करता है। जब हैंडपंप खराब हो जाता है तो उसके मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत और नगर पालिका या नगर पंचायत की होती है। दूषित पानी उगलने वाले हैंडपंप के पानी की भी जांच की जाती है। यह काम पूरे साल चलता रहता है। -------- - जिले में पानी की जांच के लिए स्थापित लैब में प्रतिमाह कितने नमूनों की जांच की जाती है। नमूने कहां से लेने हैं इसके लिए जगह कैसे चिह्नित करते हैं। कोई आम आदमी भी अपने यहां आने वाले पानी की जांच करा सकता है? - पानी की जांच के लिए गांव असौड़ा में लैब है, जिसमें तीन कर्मचारी कार्यरत हैं। पानी के नमूने लेने के लिए लखनऊ से लिस्ट जारी की जाती है। प्रतिमाह पानी के लगभग 200 नमूनों की जांच की जाती है। पिछले छह माह में 1260 नमूनों की जांच की गई थी। यदि किसी व्यक्ति को अपने घर के पानी के दूषित होने की शंका है तो वह जांच करा सकता है।