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हापुड़ में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी खादर के लोगों की बेचैनी, गांव के करीब तक पहुंचा पानी

एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि एहतियात के तौर पर बाढ़ राहत चौकियों को पूर तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 04:53 PM (IST)
हापुड़ में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी खादर के लोगों की बेचैनी, गांव के करीब तक पहुंचा पानी
हापुड़ में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी खादर के लोगों की बेचैनी, गांव के करीब तक पहुंचा पानी

गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) [राममोहन शर्मा]। पहाड़ों के साथ मैदानी क्षेत्र में झमाझम बारिश से एक बार फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे खादर के गांवों में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका से सहम उठे हैं। जबकि बिजनौर, हरिद्वार से पानी छोड़े जाने की सूचना से भी यहां के बाशिंदों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए तहसील प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकियों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। अफसरों का दावा है कि बाढ़ से निपटने के लिए हर व्यवस्था दुरुस्त है। 

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उत्तराखंड के पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने से गंगा का पानी उफान पर है। इसी के साथ खादर क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में रहने वाले हजारों परिवार में बेचैनी बढ़ गई है। इन परिवारों को डर सता रहा है कि पहाड़ों पर बारिश का सिलसिला चलता रहा और गंगा में बाढ़ आई तो वे एक बार फिर से बेघर-बार हो जाएंगे। 

क्षेत्रीय लोगों की माने तो गंगा में बाढ़ आने पर सबसे पहले खादर के लोग ही प्रभावित होते हैं। झमाझम बारिश से हरिद्वार और बिजनौर बैराज में पानी की अधिकता होने पर वहां से भी पानी छोड़ने का सिलसिला चालू हो जाएगा। इसके बाद स्थिति और बिगड़ेगी। 

खादर क्षेत्र के चरन सिंह, दीपक, अरुण, प्रेमपाल का कहना है कि खादर के निचले जंगल में जलभराव का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इस संबंध में एसडीएम विजय वर्धन तोमर ने बताया कि खादर क्षेत्र गंगा के जलस्तर को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। टीम को जलस्तर पर निगाह रखने के आदेश दिए है। मंगलवार को गंगा का जलस्तर 198.60 सेंटी मीटर था। बुधवार को यह पांच सेंटीमीटर बढ़कर 198.65 सेंटीमीटर हो गया।

एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि एहतियात के तौर पर बाढ़ राहत चौकियों को पूर तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ती है तो फिर आलमपुर, भगवंतपुर, अब्दुल्लापुर, नक्का कुआं, मीरा रेती और ब्रजघाट की राहत चौकियों चालू करा दी जाएगी।


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