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एप बताएगा जनपद में कहां ज्यादा हो रहे सड़क हादसे

26एचपीआर38 जागरण संवाददाता हापुड़ जनपद में बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए म

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:44 PM (IST)
एप बताएगा जनपद में कहां ज्यादा हो रहे सड़क हादसे
एप बताएगा जनपद में कहां ज्यादा हो रहे सड़क हादसे

26एचपीआर38

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जागरण संवाददाता, हापुड़

जनपद में बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए मुहिम शुरू की गई है। शासन ने आइआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) एप शुरू किया गया है। इस एप पर जनपद के सभी नौ थाना प्रभारी अपने अपने इलाके में होने वाले छोटी और बड़ी सड़क दुर्घटना का विवरण भी अपलोड करेंगे। उन्हें दिन, तारीख, समय से लेकर कई जानकारियां देनी होगी। इससे यह भी पता चल सकेगा कि किन स्थानों पर अधिक सड़क दुर्घटना हो रही है। उसकी के अनुसार नए ब्लैक स्पाट बनाए जाएंगे और दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। सीओ इसकी मॉनीटरिग करेंगे। जनपद के प्रत्येक थाने के दो पुलिस कर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शासन स्तर से आइआरएडी एप शुरू किया गया है। इस एप की मदद से जनपद में होने वाली सड़क हादसों का विवरण एकत्र होता रहेगा। किस स्थान पर हादसा हुआ, कैसे हुआ, कौन से वाहन हैं, घायल की हालत कैसी हैं, थाने से कितनी दूरी पर है आदि जानकारी दी जाएगी। इस एप की मदद से कभी भी जिले में हुए सड़क हादसों का विवरण अधिकारियों को दिया जा सकेगा, साथ ही कोई भी अधिकारी जब चाहें, एप पर पूरा विवरण देख सकेंगे।

सटीक मिल सकेंगे आंकड़े

सड़क हादसा होने के दौरान उसकी वजह जानना भी जरूरी होता है। तभी पुलिस कुछ सुधार कर सकती है। इसलिए ही यह एप शुरू किया गया है। अभी तक सड़क हादसों का जो भी विवरण पुलिस के पास रहता था, वह आफ लाइन रहता था। उसमें सभी जानकारी नहीं होती थी। इस एप में जानकारी होने पर अफसर तुरंत निर्णय ले सकते हैं कि किस स्थान पर सुधार कराया जा सके।

एप में ये जानकारी होंगी दर्ज जनपद के सभी थाना प्रभारी आइआरएडी एप को गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल से डाउनलोड कर सकते हैं। उसके बाद उस पर अलग अलग जानकारियां अपलोड करेंगे। इसमें दिन, तारीख, समय, गाड़ी नंबर, गाड़ी कंपनी, थाने की दूरी, रोशनी थी या नहीं, सड़क का क्या हालत, कितने घायल, कितने की मौत, नकुसान, चालक का नाम समेत अनेक जानकारी अपलोड होगी। क्या कहते हैं अधिकारी

इस एप की मत से पता चलेगा कि कौन से इलाके में सड़क हादसे कम या ज्यादा हो रहे हैं, जिन स्थानों पर हादसे ज्यादा हो रहे हैं वहां दुर्घटना रोकने के उपाय किए जाएंगे। इससे ब्लैक स्पाट की पहचान हो सकेगी। पुलिस लाइन में सभी थानों के दो दो पुलिस कर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वह अपने थाने में अन्य पुलिस कर्मियों को इसका प्रशिक्षण देंगे। समय-समय पर इसकी जांच की जाएगी। वैभव पांडेय, सीओ


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