परिषदीय स्कूल में मिल रहीं कान्वेंट स्कूलों की सुविधाएं
कान्वेंट स्कूलों के क्रेज के दौर में क्षेत्र के सिखेड़ा गांव में स्थित परिषदीय स्कूल ऐसे भी हैं जो इस मिथक को तोड़ समाज को संदेश देने का काम कर रहे हैं। उक्त गांव जनपद की डीएम द्वारा गोद लिया गया गांव भी है। सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा की तेजी से गिरती जा रही गुणवत्ता के बीच ये विद्यालय कीर्तिमान स्थापित करने की ही राह पर हैं। गुरुओं के अथक प्रयास से विद्यालय क्षेत्र भर में सुर्खियों में हैं। अभिभावक भी कान्वेंट को छोड़ इन्हीं स्कूलों में अपने पाल्यों का प्रवेश कराने को लेकर जागरूक रहते हैं।
प्रिस शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर : कमोबेश हर अभिभावक अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं, ताकि उन्हें हर वो सुविधाएं और ज्ञान का स्तर मिले जो सरकारी में मिलना कम ही संभव हो पाता है। लेकिन आपको हम बता दें कि क्षेत्र के सिखेड़ा गांव में स्थित परिषदीय स्कूल की तुलना आप कॉन्वेंट स्कूलों से कर सकते हैं। बता दें कि इस गांव को जिलाधिकारी द्वारा गोद लिया गया है। इस विद्यालय में छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। किसी भी कॉन्वेंट स्कूल से इस स्कूल दी जा रही सुविधाओं की तुलना की जा सकती है। अध्यापकों के अथक प्रयास के कारण इस विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों की शैक्षिक योग्यता लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रही है। इसी कारण अभिभावक भी कान्वेंट स्कूलों के बजाय इस विद्यालय में अपने बच्चों का प्रवेश कराना उचित समझते हैं।
इस स्कूल में 125 छात्र और छात्राएं पंजीकृत हैं। स्कूल में बेहतर शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराने में इस स्कूल के शिक्षक, ग्राम प्रधान और ग्रामीण भी भरपूर सहयोग कर रहे हैं। विद्यालय के समस्त स्टाफ के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं आम लोगों पर इसका बड़ा असर है। यह विद्यालय आज के दौर में व्यवस्था एवं शिक्षकों की भूमिका को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच सबक के रूप में सामान ही है जरूरत तो बस आत्मबोध की है। यहां बच्चों को उत्तम गुणवत्ता वाला मध्याह्न भोजन के लिए वह सभी सामग्री दी जा रही है जो उन्हें कान्वेंट स्कूल में मिलती है। इस स्कूल में बच्चों को खो-खो से बैडमिटन, क्रिकेट, फुटबाल, वॉलीबाल आदि खेलों की सुविधा स्कूल की ओर से दी जा रही है। अनुशासन का पालन करने वालों को उपलब्ध हो रही प्रत्येक लाभकारी वस्तु
विद्यालयों के भवन आदि काफी सुदृढ़ हैं तो यहां के छात्र पूरी तरह अनुशासित हैं। सुबह निर्धारित समय पर स्कूल खुलते हैं, प्रार्थना व राष्ट्रगान आदि भी एकदम समयबद्ध। शिक्षक बच्चों के पाठ्यक्रम का ध्यान रखने के साथ-साथ खेलकूद को भी भरपूर प्रशिक्षण व मौका देते हैं। मध्याह्न भोजन भी समुचित गुणवत्ता वाला है। इसके बावजूद विद्यालय में पठन-पाठन का काम आज भी पुराने जमाने की तरह होता है। इस स्कूल की गुणवत्ता को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद राशिद ने स्टाफ को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।