औद्योगिक क्षेत्र न होने से उद्यमी झेल रहे परेशानी
जागरण संवाददाता हापुड़ हापुड़ को जिला बने हुए दस साल से अधिक का समय बीत चुका है लेि
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
हापुड़ को जिला बने हुए दस साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन उद्यमियों की अलग इंडस्ट्रीयल एरिया की मांग आज तक पूरी नहीं हो सकी है। हर चुनाव में नेता इसे मुद्दा जरूर बनाते हैं, लेकिन किसी का भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं है। यही कारण है कि क्षेत्र में इंडस्ट्रीज की संख्या बेहद कम है। इधर-उधर के क्षेत्र में ही उद्यमियों को नए उद्योग लगाने पड़ रहे हैं। इस कारण उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों की इस ओर उदासीन होना सबसे प्रमुख कारण है। वहीं, नए उद्योग न लगने से बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। उद्यमियों का कहना है कि इस बार वह उसी को वोट करेंगे, जो क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र का गठन कराएगा।
बता दें कि जिले में करीब 850 छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। इसमें से धीरखेड़ा इंडस्ट्रीयल एरिया में ही अधिकतर फैक्ट्री है, लेकिन धीरखेड़ा इंडस्ट्रीयल एरिया मेरठ जिले में लगता है। मात्र तीन विभाग ही ऐसे हैं, जो हापुड़ जिले में लगते है। ऐसे में यहां के उद्यमी भी परेशान रहते हैं। इसके अलावा दिल्ली रोड, मोदीनगर रोड, गढ़ रोड और बुलंदशहर रोड के अलावा गली-मोहल्लों में फैक्ट्री लगी हुई हैं। गली-मोहल्लों में लगी फैक्ट्रियां लोगों की जान से खेल रही है। बिना किसी अनुमति के यह फैक्ट्री लगी हुई हैं। ऐसे में कोई भी हादसा हमेशा बड़ा नुकसान पहुंचाता है।
इंडस्ट्रीयल एरिया न होने के कारण उद्यमियों को बहुत अधिक परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इसमें बिजली की समस्या सबसे बड़ी है। यहां तक कि मूलभूत सुविधाओं का टोटा भी उद्यमियों को परेशान करता है। जर्जर सड़कें उद्यमियों को नुकसान पहुंचा रही हैं। फैक्ट्रियों में आने वाला माल अक्सर खराब सड़कों के कारण खराब तक हो जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है।
हर चुनाव में इंडस्ट्रीयल एरिया का मुद्दा नेताओं के एजेंडे में शामिल होता है, लेकिन इस ओर कभी कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। जिले का विकास तभी होगा, जब यहां फैक्ट्रियां लगें। इस बार उसे ही वोट देंगे, जो यहां पर औद्योगिक क्षेत्र का गठन कराएगा।
- अमन गुप्ता, सचिव, हापुड़ स्माल स्केल एसोसिएशन उद्यमियों की मांग जायज है। औद्योगिक क्षेत्र अलग बनने से रोजगार के अवसर अधिक पैदा होंगे। उद्यमियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं मिलेंगी। इसलिए इस मांग को पूरा कराना चाहिए।
- धीरज चुग सोनू , आइआइए के एनसीआर प्लानिग कमेटी के चेयरमैन