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फाइल संख्या 16 की संशोधित - शिक्षाविद् अजय मित्तल का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज

जागरण संवाददाता हापुड़ नगर के वरिष्ठ शिक्षक अजय मित्तल ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 07:57 PM (IST)
फाइल संख्या 16 की संशोधित - शिक्षाविद् अजय मित्तल का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज
फाइल संख्या 16 की संशोधित - शिक्षाविद् अजय मित्तल का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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नगर के वरिष्ठ शिक्षक अजय मित्तल ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। उन्होंने श्री रामचरित मानस को एक छोटी कांच की प्लेट पर अंकित किया है। उनकी इस प्रतिभा को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने देशभर में जिले का नाम रोशन किया है। सूचना मिलते ही शहरवासियों व शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

नगर के मोहल्ला शिवपुरी निवासी अजय कुमार मित्तल शांति स्वरूप कृषि इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता हैं। उनकी पत्नी रश्मि मित्तल भी बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका हैं। बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी शिक्षक दंपती ने अनेक क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर जिले का नाम कई बार रोशन किया है। प्रवक्ता अजय मित्तल ने बताया कि उन्होंने सुईयों से कांच की प्लेट पर सूक्ष्मतम हस्त-उत्कीर्णित एक-प्रष्ठीय श्री रामचरित मानस अंकित की है। उन्होंने बताया कि उनकी इस अद्भुद् व अद्वितीय कृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में सम्मिलित किया गया है। इसकी खबर जैसे ही शहर में फैली तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इस दौरान शहरवासियों का कहना है कि यह जनपदवासियों के लिए अत्यंत गौरव का विषय है, जिसका विमोचन 28 अगस्त की सुबह श्री शांति स्वरूप कृषि इंटर कॉलेज में विधायक, नगर पालिका परिषद के चेयरमैन, चेयरमैन कोऑपरेटिव सोसायटी, सीएमओ व अनेक अतिथि करेंगे। ------- कागज की बचत की आदत ने बना डाला रिकार्ड

अजय मित्तल बताते हैं कि कम कागज पर अधिक शब्द लिखना उनकी बचपन से आदत रही है। वह परीक्षा में भी उत्तर पुस्तिका पर छोटे शब्दों में और सीधी लाइन में लिखते थे, जिसके चलते कॉपी के काफी पेज खाली रह जाते थे। हाथ पर इतना नियंत्रण रहता है कि वह बिना लाइन वाले कागज पर ही लिखना पसंद करते हैं। उनकी इसी आदत ने रिकॉर्ड बनाने में मदद की। -------- पांच साल में 500 से अधिक घंटे लगे लिखने में

अजय मित्तल बताते हैं कि वह पिछले पांच साल से कांच की प्लेट पर श्री रामचरित मानस लिख रहे थे। लॉकडाउन में अधिक समय मिला तो उसका सदुपयोग किया। लॉकडाउन में 27 मार्च से लागातार लिखना शुरू किया तो 17 अप्रैल तक कार्य को पूरा कर पाए। इस दौरान उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास विरचित श्री रामचरित मानस की 12585 लाइनें लिखीं, जिसे लिखने में लगभग 500 घंटों का समय लगा। -------

लेंस से पढ़ सकते हैं चौपाई और दोहे

अजय मित्तल ने बताया कि कांच की प्लेट की चौड़ाई 16.5 सेंटीमीटर है, जबकि लंबाई 30.5 सेंटीमीटर है। पूरी प्लेट 490 वर्ग सेंटीमीटर की है। इसीलिए इस पर श्री रामचरित मानस में लिखी चौपाई और दोहों को छोटे शब्दों में लिखा गया है, जिन्हें उच्च क्षमता वाले लैंस से पढ़ा जा सकता है। -------- मशीन की सुई को खराब पेन में लगाकर बनाया जुगाड़

अजय मित्तल ने बताया कि बारीक और छोटे शब्दों को कांच की प्लेट पर किस वस्तु से लिखा जाए, यह चुनौती थी। इसके लिए सिलाई मशीन में लगने वाली बारीक सुई का इस्तेमाल किया गया। उसे खराब पड़े पेन में फिट करके लिखाई शुरू की गई। शुरूआत में कपड़े की तुरपाई करने वाली सुई का इस्तेमाल किया, लेकिन उसमें लचक अधिक होने के चलते सफलता नहीं मिली। -------- बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं दंपती अजय मित्तल बताते हैं कि कांच की प्लेट पर सुईयों से श्री राम चरितमानस लिखने में तकनीकी रूप से पुत्र हर्शल मित्तल ने भी सहयोग किया है। इसके अलावा वह पत्नी रश्मि मित्तल के साथ मिलकर गांवों में एक माह तक रोजाना एक घंटे की विशेष कक्षाएं संचालित करते हैं, जिसमें बिना किताब, बिना बैग के क्रिया-कलापों के जरिए विज्ञान और गणित पढ़ाते हैं। इसके अलावा लिखना, चित्रकारी करना, ज्योतिष का कार्य करना आदि में रुचि रखते हैं। जबकि, रश्मि मित्तल गांव दोयमी स्थित विद्यालय में सहायक अध्यापिका हैं। वह बच्चों को संस्कृत पढ़ाती हैं।


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