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ब्रजघाट में खुलेआम उड़ रहीं नाव संचालन के नियमों की धज्जियां

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By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 08:22 PM (IST)
ब्रजघाट में खुलेआम उड़ रहीं नाव संचालन के नियमों की धज्जियां
ब्रजघाट में खुलेआम उड़ रहीं नाव संचालन के नियमों की धज्जियां

राम मोहन शर्मा, ब्रजघाट:

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ब्रजघाट गंगा में नाव चलाने का मानक तय होने के बाद भी लाइसेंस के बिना सैकड़ों नाव और मोटर बोट गंगा में चल रही हैं। डीजल- पेट्रोल से चलने वाली मोटर बोट एनजीटी के आदेश की खुली अवेहलना कर गंगा की जलधारा को प्रदूषित करने के साथ ही मानवमित्र डाल्फिन समेत दुर्लभ जलीय जीव जंतुओं के अस्तित्व के लिए भी गंभीर खतरा बनी हुई हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत आसपास के कई राज्यों में ब्रजघाट तीर्थनगरी को मुक्ति धाम के रूप में ख्याति हासिल है, जिसके चलते प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं, जिनमें महिला बच्चों के साथ आने वाले श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठानों के बाद गंगा में नौकायन का लुत्फ भी उठाते हैं। जिसके चलते ब्रजघाट गंगा में छोटी बड़ी सैकड़ों नावों के साथ ही करीब ढाई सौ मोटर बोट का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। नियम तो हर साल बनते हैं मगर उन पर प्रभावी ढंग में कोई अमल न होने से अधिकांश नाव और मोटर बोट मनमाने ढंग में संचालित हो रही हैं। अधिकांश नावों की फिटनेस भी खरी नहीं और न ही उनमें जीवन रक्षक जैकेट उपलब्ध हैं। महीन छिद्रों के सहारे नावों में पानी भरता रहता है, जिसे नाविकों द्वारा संचालन के दौरान बाहर फेंका जाता है। अधिकांश चालक नाव संचालन की बारीकियों से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं, जबकि नाबालिग बच्चे भी धड़ल्ले से नाव चलाकर उनमें सवारी करने वालों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं पूरी तरह रोक लगी होने के बाद भी ब्रजघाट गंगा में डीजल पेट्रोल से संचालित होने वाली करीब ढाई सौ मोटर बोट धड़ल्ले से फर्राटा भर रही हैं, जिनसे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश की अवहेलना हो रही। बड़ी मात्रा में धुआं निकलने से गंगा की जलधारा में कार्बन समेत हानिकारक गैसों का जहर भी घुल रहा है, जबकि पानी को धकेलने के लिए मोटर बोट के नीचे लगे तेज धार वाले पंखे भी मानवमित्र डाल्फिन और गंगा के पानी को साफ करने में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले कछुए और पातलों समेत दुर्लभ प्रजाति के जलीय जीव जंतुओं के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, क्योंकि उनकी चपेट में आकर गंगा की जलधारा में रहने वाले जीव जंतु अक्सर घायल होते रहते हैं। जिसका पता पानी में रक्त बहने पर लग पाता है, परंतु इतना सब कुछ होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कोई अभियान चलाने के बजाय महज मूकदर्शक की तरह अंजान बने हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार पालिका परिषद से करीब सौ नाविकों ने लाइसेंस लिए हुए हैं, परंतु उनकी आड़ में प्रतिबंधित मोटर बोट का अवैध ढंग में धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है।

एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि पालिका परिषद के साथ संयुक्त रणनीति बनाकर ब्रजघाट में अवैध रूप से संचालित हो रहीं मोटर बोट की धरपकड़ कराते हुए लाइसेंस के बिना चल रहीं नावों समेत उनके चालकों के विरुद्ध भी यथासंभव कार्रवाई कराई जाएगी।


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