कटआउट: अब डिजिटल भुगतान करने पर मिलेगी किसानों को खाद
जागरण संवाददाता हापुड़ जनपद के किसानों को सहकारी समितियों एवं पंजीकृत खाद की दुकान
जागरण संवाददाता, हापुड़ जनपद के किसानों को सहकारी समितियों एवं पंजीकृत खाद की दुकानों पर डिजिटल भुगतान करने के बाद ही खाद मिल सकेगी। अफसरों का दावा है कि इससे कालाबाजारी रोकने व स्टॉक का मिलान करने में काफी मदद मिलेगी। जिले में करीब 36 साधन सहकारी समितियां हैं, इसके अलावा 225 लाइसेंसी दुकानें हैं, जहां से किसानों को खाद की बिक्री की जाती है। रबी और खरीफ दोनों सीजन में खाद के लिए किसानों की भीड़ लगी रहती है। मांग अधिक होने पर दुकानों एवं समितियों पर खाद मिलना मुश्किल हो जाता है और कालाबाजारी के आरोप लगते हैं। अब विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए डिजिटल भुगतान की पहल शुरू की है। अफसरों की माने तो इससे कमीशनबाजी का खेल रुकेगा। साथ ही स्टॉक के मिलान में भी दिक्कत नहीं आएगी। जिला कृषि अधिकारी शिवकुमार सिंह ने बताया कि सरकार कैशलेस प्रक्रिया पर जोर दे रही है। खाद के लिए डिजिटल भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। सभी समितियों एवं पंजीकृत दुकानदारों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को खाद लेने में किसी तरह की दिक्कत न आए और कालाबाजारी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पता चल सकेगा कि किस किसान ने कितना खाद लिया है। किसान यूपीआइ, क्यूआर कोड, गूगल एप, पेटीएम, फोन-पे आदि की मदद से खाद खरीद सकते हैं।