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कांवेंट को मात दे रहा सिभावली का सरकारी स्कूल

संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर प्राइमरी स्कूल का ख्याल आते ही मन में जीर्ण-शीर्ण स्कूल की तस्वीर

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 09:44 PM (IST)
कांवेंट को मात दे रहा सिभावली का सरकारी स्कूल
कांवेंट को मात दे रहा सिभावली का सरकारी स्कूल

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर: प्राइमरी स्कूल का ख्याल आते ही मन में जीर्ण-शीर्ण स्कूल की तस्वीर उभरती है, मगर सिभावली ब्लाक के ग्राम हबीसपुर बिगास के प्राइमरी स्कूल की तस्वीर इससे उलट है। दूर से देखें या पास से स्कूल किसी कांवेट स्कूल से कम नहीं लगेगा। स्कूल भवन से लेकर अन्य सुविधाएं इसे कांवेंट स्कूलों को मात दे रही हैं।

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मुख्यमंत्री की कवायद के चलते अब सरकारी स्कूलों की कायापलट भी बड़ी तेजी के साथ हो रही है, जिनमें अच्छी पढ़ाई के साथ ही बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास को भी नई ऊंचाई दी जा रही है। सिभावली क्षेत्र के गांव हबीसपुर बिगास के परिषदीय स्कूल की तुलना अब कांवेंट स्कूल से किया जाना संभव हो गया है। जिसमें बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा और सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध हो रही है। अध्यापकों के प्रयास के साथ ही परिषदीय स्कूल में अच्छी सुविधा मिलने के कारण बच्चों में नई उमंग आने से शिक्षा के साथ ही उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास भी हो रहा है। जिसके चलते अब इक्का-दुक्का को छोड़कर अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को कांवेंट स्कूलों के बजाए इस परिषदीय स्कूल में प्रवेश दिलाने की चाहत मन में लिए हुए हैं।

इस स्कूल में इन दिनों 15 बच्चे पंजीकृत हैं। जिन्हें अच्छी शिक्षा और जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद में शिक्षकों के साथ ही निवर्तमान ग्राम प्रधान और जागरूक ग्रामीण भी भरपूर सहयोग कर रहे हैं। विद्यालय के समस्त स्टाफ के बच्चे भी इसी स्कूल में ही पढ़ते हैं, जिसका प्रभाव आम ग्रामीणों के जेहन को भी बदल रहा है। यह विद्यालय आज के दौर में व्यवस्था एवं शिक्षकों की भूमिका को लेकर लगातार उठने वाले सवालों को भी पूरी तरह सटीक जवाब दे रहा है। बच्चों को गुणवत्ता वाले पौष्टिक मध्याह्न भोजन के लिए वह सभी सामग्री दी जा रही हैं, जो उन्हें कांवेंट स्कूल में नहीं मिल पाती हैं। स्कूल में बच्चों के लिए खो-खो, बैडमिटन, क्रिकेट, फुटबाल, वालीबाल खेलों की सुविधा भी मिल रही है।

स्कूल में मनाया जाता है जन्मदिन: विद्यालय में अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाता है। प्रार्थना एवं राष्ट्रगान समेत सब कुछ समयबद्ध है। शिक्षक पाठ्यक्रम का ध्यान रखने के साथ ही प्रशिक्षण देकर बच्चों को खेलकूद में भागीदारी के प्रति जागरूक करते हैं। कंप्यूटर शिक्षा के साथ ही देश विदेश से जुड़ी सामान्य ज्ञान की बातें भी बताई जाती हैं। इसके अलावा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का महीने की अंतिम तारीख को शिक्षकों द्वारा जन्मदिन भी मनाया जाता है, जिससे बच्चों में शिक्षा और खेलों के प्रति नए उत्साह का संचार होता है। खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद राशिद ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा के तहत परिषदीय स्कूल को कांवेंट स्कूल की तर्ज पर विकसित किया गया है, जिससे बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। आज के इस दौर में परिषदीय विद्यालय द्वारा कांवेट स्कूल की तर्ज पर शिक्षा समेत सभी जरूरी सुविधा प्रदान करना अपने बच्चों को गांव में ही अच्छी शिक्षा दिलाने की तमन्ना रखने वाले अभिभावकों के लिए बड़ी खुशी का विषय है।


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