चेक बाउंस मामले में दोषी को एक वर्ष का कारावास
जागरण संवाददाता हापुड़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चेक बाउंस एक मुकदमें की सुनवाई करत
जागरण संवाददाता, हापुड़
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चेक बाउंस एक मुकदमें की सुनवाई करते हुए आरोपित को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने दोषी को एक वर्ष कारावास की सजा सुनाते हुए पांच लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है।
अधिवक्ता अनिल आजाद ने बताया कि गोल मार्केट निवासी गिरधारी लाल ने आठ जनवरी 2014 को पिलखुवा क्षेत्र के गांव नली हुसैनपुर निवासी रामानंद शर्मा को जमीन खरीदने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए उधार दिए थे। धनराशि छह माह में लौटाने का आश्वासन दिया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद पीड़ित ने रुपए वापस करने के लिए रामानंद पर दबाव बनाया, लेकिन वह पीड़ित को बहाने बनाकर टरकाने लगा।
सख्ती से तगादा करने पर आरोपित ने अपने बैंक खाते का एक चेक 21 अप्रैल 2017 में पीड़ित को दिया था, लेकिन खाते में पैसा नहीं होने की वजह से चेक बाउंस हो गया। शिकायत करने पर आरोपित ने रकम वापस करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। पीड़ित ने न्यायालय के माध्यम से आरोपित को चेक बाउंस के संबंध में एक नोटिस भेजा। इसके बाद 23 सितंबर 2019 में न्यायालय में वाद दायर किया था।
इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाति सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अब आरोपित को चेक बाउंस मामले में दोषी करार दिया है। दोषी को एक वर्ष कारावास व पांच लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड की धनराशि में से 4.50 लाख रुपये पीड़ित को प्रतिकर के रूप में देय होंगे। इसके अलावा शेष 50 हजार रुपए की धनराशि राज्य सरकार को देय होगी। अर्थदंड न अदा करने पर दोषी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।