मेले में खुल रही स्वच्छता की पोल, लगे पड़े गंदगी के ढेर
रामलीला मंचन की आड़ में मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसका बाकायदा लाखों में ठेका छोड़ा गया है।
संवाद सहयोगी, पिलखुवा:
रामलीला मंचन की आड़ में मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसका बाकायदा लाखों में ठेका छोड़ा गया है। इतना ही नहीं बिना अनुमति चल रहे मेले में कोरोना एवं डेंगू जैसी भंयकर बीमारी की भी अनदेखी हो रही है। मेला परिसर में चारों ओर गंदगी के ढेर लगे हैं। शाम के समय उड़ती धूल लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तो डाल ही रही है साथ ही वातावरण को दूषित कर रही है। उपजिलाधिकारी (एसडीएम)मेला कमेटी से नोटिस भेजकर जवाब तलब कर रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते रामलीला मंचन की प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई है और कोविड-19 के अंतर्गत जारी गाइड लाइन का पालन करने की हिदायत दी गई है, लेकिन यहां रामलीला मंचन के दौरान नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। उपजिलाधिकारी विजय वर्धन तोमर की मानें तो रामलीला कमेटी को केवल मंचन की अनुमति दी गई थी। यदि झूले, मीना बाजार, चाट-पकौड़ी आदि की दुकान मंचन के आसपास लग रही है तो वह नियम के विरुद्ध है। इसके लिए थाना पुलिस को पूर्व में भी इसी तरह के व्यवसायिक कार्य बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस बावत मेला कमेटी से भी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया जा रहा है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी डा. तेजवीर सिंह का कहना है कि थाना प्रभारी निरीक्षक एवं चौकी प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि अनुमति पत्र के मद्देनजर व्यवस्था सुचारु कराई जाए। यदि किसी व्यक्ति या ठेकेदार द्वारा किसी रेहड़ी- पटरी वाले से रुपये लिए जा रहे हैं, तो उसे तत्काल बंद कराया जाए। किसी तरह की शिकायत मिलने पर रिपोर्ट तैयार अधिकारियों को भेजी जाएगी।
मेला कमेटी के मंत्री संदीप जिदल का कहना है कि सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जा रही है। रामलीला का मंचन शाम सात बजे से शुरू होता है। इससे पूर्व व्यवस्था पूर्ण कर ली जाती है। रामलीला मंचन के दौरान सभी कार्य अनुमति के आधार पर संचालित हैं।