नीले आसमां के तले शुद्ध हवा में ले रहे सांस, 18 पर पहुंचा एक्यूआइ
जागरण संवाददाता हापुड़ पहले कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन और अब बार-बार बारिश्
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
पहले कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन और अब बार-बार बारिश ने हापुड़ की आबोहवा को ही बदल डाला है। दूषित हवा में सांस लेने वाले शहरवासी पिछले कुछ दिनों से लगातार शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं। सोमवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 अंक पर पहुंच गया। प्रदूषण का स्तर इतना कम है कि नीला आसमान साफ दिखने लगा है। लोग फेसबुक और वाट्सएप पर शहर के अनोखे नजारों की वीडियो और फोटो खूब शेयर कर रहे हैं। हवा की गुणवत्ता पिछले कुछ सालों में सबसे अच्छी हुई है। मार्च-अप्रैल माह के बाद जुलाई और अब अगस्त माह में शहर के लोग सबसे स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं। आलम यह है कि अगस्त माह में एक दिन भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 अंक पार नहीं कर पाया है। फैक्ट्री, वाहन बंद होने और लगातार बारिश होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक मानक से बेहतर हो गया है। 2016 से 2020 के बीच मार्च माह में इसी साल 25 मार्च को वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर रहा, जो बेहतर स्थिति है। इसका मुख्य कारण सड़कों पर वाहनों का न चलना, उद्योग व निर्माण कार्य बंद होना आदि था। अब जुलाई और अगस्त माह में बार-बार बारिश ने प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ने दिया है। जुलाई माह में एक्यूआइ 100 का अंक पार नहीं कर पाया। अगस्त माह में भी यही हाल है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 अंक दर्ज किया गया, जबकि इससे पहले रविवार को 28 और शनिवार को 32 अंक पर था। शहरवासी लगातार इतनी शुद्ध हवा में लंबे समय बाद सांस ले रहे हैं। सीपीसीबी की वेबसाइट के मुताबिक सोमवार को अति सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5), कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, सल्फर डाइ-ऑक्साइड और ओजोन की अधिकतम मात्रा में गिरावट आई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा के मुताबिक पहले लॉकडाउन और अब बारिश के कारण हवा सुधरी हुई है। सोमवार को हापुड़ और आसपास के जिलों में प्रदूषण का हाल जनपद का नाम पीएम 2.5 पीएम 10 हापुड़ 15 18 बुलंदशहर 12 36 गा. संजय नगर 17 20 गा. वसुंधरा 18 31 ग्रेटर नोएडा 10 41 नोएडा से. 125 15 27 नोएडा से. 116 11 20 नोट- यह आंकड़ें सीपीसीवी की वेबसाइट से लिए गए हैं।