योग और आयुर्वेद को अपनाकर कोरोना को दी मात
जागरण संवाददाता हापुड़ हापुड़ में बड़ी संख्या में लोगों ने योग और आयुर्वेद से कोरोना क
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
हापुड़ में बड़ी संख्या में लोगों ने योग और आयुर्वेद से कोरोना को मात दी। नगर के मोहल्ला श्रीनगर निवासी आशा सोमानी बताती हैं कि पिछले वर्ष दिसंबर माह में अचानक सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। कुछ देर बाद पति राकेश सोमानी ने भी सांस लेने में तकलीफ बताई। एंटीजन से कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। रिपोर्ट की सूचना बच्चों को दी तो उन्हें थोड़ी घबराहट हुई। घर आने के बाद अलग-अलग होम आइसोलेट होकर चिकित्सक की सलाह पर घर से ही उपचार शुरू कर दिया। शुरूआत में मन में बहुत डर था, लेकिन दोनों ने एक दूसरे का हौसला बढ़ाया और परिवार के माहौल को सकारात्मक रखा। समय से आयुर्वेद की दवाई लीं, काढ़ा लिया, दिन में दो बार स्टीम और गरारे किए व खान-पान का ध्यान रखा। सुबह-दोपहर और शाम को योग किया। इसमें भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम किया। भस्त्रिका प्राणायाम से आक्सीजन का स्तर कम नहीं होने दिया। कपालभाती से पेट के अंदर किडनी, लीवर और आंतों में किसी तरह का संक्रमण नहीं होने दिया। भ्रामरी प्राणायाम से मानसिक तनाव कम हुआ। जिससे नींद अच्छी आती थी। इस तरह से दोनों ने कोरोना से जंग जीत ली। ठीक होने के बाद सूर्य नमस्कार भी शुरू कर दिया। अब परिवार के साथ ज्यादा समय बिता रहे। पूरा परिवार योग करता है। तीन महीने पहले कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। शुरूआत में सांस लेने में दिक्कत हुई। चिकित्सक ने दवाओं के साथ योग करने का भी परामर्श दिया। घर में आइसोलेट होकर सुबह-शाम योग किया। आठ दिन बाद जांच कराई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। अब रोजाना योग कर रही हूं।
-ईश्वर कुमारी सिसोदिया, दिल्ली रोड अर्जुन नगर कोरोना की पहली लहर के आते ही योग करना शुरू किया था। दूसरी लहर शुरू होने से पहले शाम के समय भी योग करना शुरू कर दिया। अप्रैल माह के शुरुआत में कोरोना की चपेट में आ गई। योग करने का नतीजा यह हुआ की आयुर्वेद दवाओं के साथ-साथ योग करना भी जारी रखा। 10 दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।
-सरोज माहेश्वरी, एफसीआइ कालोनी श्रीनगर