हापुड़ में मानव तस्करी पर कसेगा शिकंजा, एएचटीयू का गठन
एएसपी ने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट का मुख्य उद्देश्य बंधुआ मजदूर देह व्यापार और बाल श्रम पर अंकुश लगाना है।
हापुड़ [केशव त्यागी]। जनपद में महिलाओं और बच्चों की तस्करी, बाल श्रम और देह व्यापार पर रोक लगाने के लिए एएसपी ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट (एएचटीयू) का गठन किया गया है। शासन से एएचटीयू के लिए जनपद को 15 लाख के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई है। टीम में एक प्रभारी निरीक्षक समेत सात पुलिसकर्मी होंगे। नोडल अधिकारी सीओ सिटी को बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के 40 जनपद में पहले ही एएचटीयू का गठन हो चुका है।
एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिग यानी मानव तस्करी गैरकानूनी है। इस धंधे से जुड़े व्यक्ति शारीरिक शोषण, देह व्यापार, बंधुआ मजदूरी के लिए मानव तस्करी करते हैं। वे ज्यादातर गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों को झांसे में लेकर उनकी तस्करी करते हैं। ऐसे अपराधों में लिप्त व्यक्तियों की धरपकड़ के लिए जनपद में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट का गठन किया गया है। बाल अपराध रोकना भी पुलिस के प्रयास में शामिल है। उन्होंने बताया कि टीम में एक प्रभारी निरीक्षक, दो उपनिरीक्षक, दो मुख्य आरक्षी व दो आरक्षी शामिल होंगे। शासन ने जनपद में एएचटीयू को प्रभावी बनाने के लिए 15 लाख के बजट की स्वीकृति प्रदान की है। बजट मिलने के बाद एएचटीयू के कार्यालय का निर्माण व अन्य संशाधनों की व्यवस्था की जाएगी।
महिला और बाल अपराधों पर लगेगी रोक
एएसपी ने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट का मुख्य उद्देश्य बंधुआ मजदूर, देह व्यापार और बाल श्रम पर अंकुश लगाना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा संचालित है। मुख्यालय से मिले पत्र में जनपद में एएचटीयू का जल्द गठन करने के लिए निर्देशित किया गया है। जनपद में एएचटीयू के प्रभावी होने पर उक्त अपराधों पर अंकुश लगेगा।
पुलिस आफिस में एएचटीयू टीम का प्रशिक्षण शुरू
एएचटीयू टीम का नोडल अधिकारी सीओ सिटी राजेश कुमार सिंह को बनाया गया है। बुधवार से एएचटीयू टीम का प्रशिक्षिण पुलिस ऑफिस में शुरू हो गया है। टीम को एसपी संजीव सुमन व एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा भी प्रशिक्षित करेंगे। एक सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद बाद टीम को काम पर लगाया जाएगा।
कड़ी निगरानी कर होगी धरपकड़
एएसपी ने बताया कि टीम का प्रशिक्षण खत्म होने के बाद जनपद के होटलों, कारखानों, लघु उद्योगों, दुकानों व ईंट भट्टों समेत अन्य स्थानों पर काम करने वाले बाल मजदूरों को मुक्त कराया जाएगा। इसके साथ ही मासूमों को बाल मजदूरी में धकेलने वाले लोगों व उनसे बाल मजदूरी करने वाले लोगों की धरपकड़ कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों की भी जांच की जाएगी जो गरीबों से बंधुआ मजदूरी करा रहे हैं। इसके अलावा देह व्यापार कराने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा।
सरकारी विभागों व एनजीओ की मदद लेगी पुलिस
एएसपी ने बताया कि बाल मजदूरी, देह व्यापार व बंधुआ मजदूरी में लिप्त लोगों को मदद के लिए पुलिस सरकारी विभागों से लेकर एनजीओ की मदद लेगी। एएचटीयू द्वारा मुक्त कराए जाने पर लोगों, महिलाओं व बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए सरकारी विभागों व एनजीओ की मदद ली जाएगी। बाल कल्याण विभाग, बाल सेवा योजन, सीडब्लूसी, श्रम विभाग समेत एनजीओ से इस संबंध में वार्ता की जा चुकी है।