Move to Jagran APP

Hapur News: मौत का नाटक रचकर 6 साल तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा आरोपित, बाबूनाथ से बन गया रमेश

Hapur News बाबूनाथ और उसके दो साथियों पर आरोप है कि गिरोह के बदमाश नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण कर उन्हें रुपये लेकर बेच देते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने 15 साल के नाबालिग का भी अपहरण किया था।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:06 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:06 AM (IST)
Hapur News: मौत का नाटक रचकर 6 साल तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा आरोपित, बाबूनाथ से बन गया रमेश
Hapur News: मौत का नाटक रचकर 6 साल तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा आरोपित

हापुड़ [केशव त्यागी]। 15 वर्षीय नाबालिग के अपहरण के मामले में नामजद आरोपित छह साल तक मौत का नाटक रचकर यूपी पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा। दिलचस्प बात यह है कि आरोपित की मां ने बेटे की मौत होने का शपथ पत्र पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया। आरोपित नाम बदलकर दिल्ली-एनसीआर समेत जिला गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र स्थित झुग्गी झोपड़ियों में रहने लगा। पुलिस ने आरोपित को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

loksabha election banner

बता दें कि गांव देहरा निवासी बाबूनाथ, विक्रम और लाखन ने आठ मई 2015 को हरियाणा के जिला फरीदाबाद क्षेत्र के एक गांव निवासी 15 वर्षीय नाबालिग का अपहरण किया था। मामले में धौलाना थाने में तीनों आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। आरोप था कि गिरोह के बदमाश नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण कर उन्हें रुपये लेकर बेच देते हैं।

पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर आरोपितों को जेल भेज दिया था। जमानत पर आरोपित जेल से छूटकर आए थे। जेल से छूटने के बाद पहचान छिपाने के उद्देश्य से बाबूनाथ ने अपना नाम बदलकर रमेश कर लिया। इसके बाद दिल्ली एनसीआर समेत जिला गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ियों में रहने लगा।

न्यायाधीश ने दर्ज मुकदमे की तारीख पर न्यायालय में बाबूनाथ के पेश न होने पर उसके खिलाफ कई बार गैर जमानती वारंट जारी किए। बावजूद इसके आरोपित न्यायालय में पेश नहीं हुआ। लगातार पुलिस भी उसकी तलाश में दबिश देती रही। मामले में पुलिस ने आरोपित के खिलाफ कुर्की तक करने की कार्रवाई कर दी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

मर चुका है बेटा, मां दिया शपथ पत्र

पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद बाबूनाथ की मां ने शपथ पत्र दिया। इसमें बताया कि बाबूनाथ की मौत हो चुकी है। शपथ पत्र मिलने के बाद पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल कर दी, लेकिन, मां को नहीं पता था कि उसका पुत्र जीवित है और पहचान बदलकर कहीं रह रहा है। पुत्र के घर न लौटने पर मां ने भी उसे मृत मान लिया था।

शपथ पत्र दाखिल होने पर असंतुष्ट रहा न्यायालय

बाबूनाथ की मौत के मामले में दिए गए उसकी मां के शपथ पत्र से न्यायालय असंतुष्ट रहा। न्यायालय ने पुलिस को बाबूनाथ की मौत होने के पुख्ता सबूत पेश करने के आदेश दिए। पुलिस इस संबंध में ठोस सबूत न्यायालय में पेश नहीं कर सकी। इसके चलते न्यायालय ने बाबूनाथ को मृत नहीं माना। इसके बाद न्यायालय ने पुलिस को बाबूनाथ की मौैत का ठोस साक्ष्य पेश करने के आदेश दिए थे।

जमानतियों ने खोला बाबूनाथ की मौत का राज

एसपी दीपक भूकर ने बताया कि उसकी जमानत देने वालों ने बताया कि बाबूनाथ जिला गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र स्थित झुग्गी झोपडि़यों में नाम बदलकर छिपकर रह रहा है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.