डाटा सत्यापन के इंतजार में भटक रहे 3851 किसान
जागरण संवाददाता हापुड़प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही
जागरण संवाददाता, हापुड़:
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गति नहीं पकड़ पा रही है। 3851 पात्र आवेदकों को महज इसलिए योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि संबंधित तहसील के अधिकारी आवेदन का सत्यापन नहीं कर सके हैं। लंबे समय से लंबित डाटा के सत्यापन के लिए आवेदक लगातार तहसील मुख्यालय से लेकर कृषि अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुध नहीं ली जा रही है। नतीजा यह है कि इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही का शिकार होकर रह गई है। योजना का पात्र किसानों को सुचारू रूप से लाभ मिल सके, इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले की भी तीन तहसीलों के कुल 3851 पात्र किसानों का डाटा लंबे समय से सत्यापित नहीं किया जा सका है। सत्यापन प्रक्रिया पूरी न होने से संबंधित किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। आवेदकों का डाटा सत्यापित करने के लिए कई बार कृषि विभाग ने संबंधित तहसीलों को पत्र भी भेजा, लेकिन इसे लेकर जिम्मेदारों द्वारा तनिक भी गंभीरता नहीं दिखाई गई। कृषि विभाग के अनुसार जनपद में कुल एक लाख 26 हजार 135 किसान परिवार हैं। इनमें से एक लाख 13 हजार 979 किसानों को पहली किस्त मिल चुकी है। एक लाख 10 हजार 981 किसानों को दूसरी, एक लाख दो हजार 990 किसानों को तीसरी, 97 हजार 552 किसानों को चौथी और 82 हजार 624 किसानों को पांचवीं और 66 हजार 153 किसानों को छठी किस्त दी जा चुकी है। जबकि 64 हजार 956 किसानों के खाते में सातवीं किस्त भेजी जा चुकी है। ------- क्या कहते हैं किसान
गांव फरीदपुर निवासी किसान सुखवीर सिंह का कहना है कि वह पिछले एक साल से कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है। लेकिन, अभी तक योजना का लाभ नहीं मिला है। डाटा में सुधार का हवाला देकर टरका दिया जाता है। --------- गांव रसूलपुर निवासी किसान अर्जुन सिंह का कहना कि किसानों के खातों में सात किस्त तक मिल चुकी हैं। जबकि उनके खाते में अभी तक एक भी किस्त नहीं मिली है। योजना का लाभ कब मिलेगा, कुछ पता नहीं है। -------- क्या कहते हैं अधिकारी जिन किसानों के आधार, बैंक खाता और खतौनी के नाम में बदलाव है उसका डाटा सुधार कराया जा रहा है। तहसील स्तर से इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। जल्द ही डाटा सुधार का कार्य पूरा कराकर पात्र किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
डॉ. वीबी द्विवेदी, उपकृषि निदेशक