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25 हजार भवन स्वामियों को मिलेगी राहत, माफ होगा ब्याज

जागरण संवाददाता हापुड़ जल्द ही शहर के 25 हजार भवन स्वामियों को राहत मिलेगी। शासन स्त

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 03:49 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:06 AM (IST)
25 हजार भवन स्वामियों को मिलेगी राहत, माफ होगा ब्याज
25 हजार भवन स्वामियों को मिलेगी राहत, माफ होगा ब्याज

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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जल्द ही शहर के 25 हजार भवन स्वामियों को राहत मिलेगी। शासन स्तर से गृह कर पर लगने वाले ब्याज को माफ करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। यदि ऐसा होता है तो लाखों रुपये के ब्याज का भार भवन स्वामियों के कंधों से खत्म हो जाएगा। इससे नियमित रूप से टैक्स का रूटीन भी शुरू हो जाएगा और राजस्व की वसूली बढ़ सकेगी।

नगर पालिका सीमा क्षेत्र में करीब 55 हजार भवन हैं। इनमें करीब 45 हजार आवासीय, 7 हजार व्यवसायिक और 3 हजार आवासीय कम व्यवसायिक भवन शामिल हैं। यह भवन नगर पालिका के रजिस्टरों में दर्ज हैं, जिनसे प्रत्येक वर्ष के अनुसार गृह, जल और सीवर कर वसूला जाता है।

बता दें कि वर्ष 2013 में सर्वे के बाद स्व:कर प्रणाली लागू हुई थी, जिसके बाद सभी प्रकार के भवनों पर टैक्स कई गुना बढ़ गया। इसमें करीब 25 हजार भवन स्वामी ऐसे हैं, जो प्रत्येक वर्ष टैक्स जमा नहीं करते हैं। ऐसे भवन स्वामियों से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ टैक्स वसूलने का नियम है। ब्याज लगने के कारण यह लोग टैक्स जमा करने से बचते हैं।

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पालिका ने नहीं लगाया ब्याज -

नियम है कि प्रत्येक वर्ष भुगतान न करने पर ब्याज लगाया जाएगा और उसी अनुसार वसूली होगी, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी अभी ब्याज नहीं वसूल रहे हैं, जो नियम विरुद्ध है। ऐसे में सरकार को नुकसान हो रहा है। मात्र वर्तमान के बकाया के नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

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शासन ने दिया था सात करोड़ का लक्ष्य -

शासन ने नगर पालिका अधिकारियों को प्रतिवर्ष करीब सात करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य को अधिकारी छू नहीं पाते हैं। यही कारण है कि समीक्षा बैठकों के दौरान अधिकारियों को लताड़ लगती है।

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विकास कार्यों के लिए जरूरी वसूली -

विकास कार्यों के लिए कर वसूली बहुत अधिक जरूरी है। जिससे कि शहर में निरंतर विकास कार्य होते रहे।

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लोकेशन के अनुसार लिया जाता है टैक्स --

शहर में अलग-अलग मोहल्लों और क्षेत्रों के अनुसार टैक्स की दरें तय होती हैं। उसी अनुसार आवासीय और व्यवसायिक भवनों के लिए दरें अलग हैं। आवासीय के मुकाबले व्यवसायिक भवनों की दरें कई गुना ज्यादा हैं।

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क्या कहते हैं अधिकारी --

शासन स्तर पर ब्याज माफ करने की नीति बनाई जा रही है। लेकिन, अभी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही आदेश मिल जाएगा तो ब्याज को माफ कर देंगे। - अवधेश कुमार, कर निर्धारण अधिकारी


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