सवा लाख वाहन स्वामियों की बढ़ेंगी मुसीबतें, लाक होंगे वाहन
शुभम गोयल हापुड़ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी प्रकार के वाहनों पर हाइ सिक्योरि
शुभम गोयल, हापुड़ :
बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी प्रकार के वाहनों पर हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगवाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। व्यवसायिक वाहनों के अलावा निजी वाहनों पर भी हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगवानी होगी। इसको लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए तीन माह का समय निर्धारित किया गया है। ऐसे में जिले के करीब सवा लाख निजी वाहन स्वामियों की मुसीबतें बढ़ने के साथ ही जेब ढीली होगी। यह नंबर प्लेट न लगवाने पर इनके वाहन कम्प्यूटर पर लाक होने के साथ ही ब्लैक लिस्ट भी होंगे। वहीं, तीसरा रजिस्ट्रेशन चिन्ह भी लगवाना अनिवार्य होगा।
उपंसभागीय कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जिले में करीब 1.39 लाख निजी और 12333 व्यवसायिक वाहन हैं। इनमें से करीब सवा लाख वाहन अप्रैल 2019 से पहले खरीदे गए हैं, जिनका संचालन अभी भी जारी है। अप्रैल 2019 के बाद खरीदे गए वाहनों पर हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगकर आने लगी है। जबकि, इससे पहले वाले मात्र 60 वाहन स्वामियों ने ही यह नंबर प्लेट लगवाई है, जिसको लेकर अब परिवहन विभाग सतर्क हो गया है। प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसको लेकर पत्र जारी कर दिया है, जिसके अनुसार एनसीआर क्षेत्र में अब तीन माह के अंदर हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट और तीसरा रजिस्ट्रेशन चिह्न (चालक की सीट के सामने शीशे पर बार कोड से अंकित लेजर प्रिटिग स्टीकर) न लगाने वालों पर कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। ऐसा न करने वाले वाहन स्वामी परिवहन विभाग के कार्यालय में जाकर कई काम नहीं करा सकेंगे, जिसमें ओनरशिप ट्रांसफर, पता आदि में परिवर्तन, वाहन को बंधक रखना या बदलना, बीमा आदि की कार्रवाई नहीं करा सकेंगे। समय बीत जाने के बाद बड़े स्तर पर जुर्माने की कार्रवाई विभाग करेगा। वहीं, सभी प्रकार के व्यवसायिक वाहन स्वामियों को आगामी 15 अक्टूबर तक ही हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के साथ तीसरा रजिस्ट्रेशन चिह्न भी लगवाना होगा।
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तीसरा रजिस्ट्रेशन चिह्न भी जरूरी है --
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की तरह तीसरा रजिस्ट्रेशन चिह्न भी वाहनों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। नए वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगकर आ रही है। जबकि, तीसरा रजिस्ट्रेशन चिन्ह वाहन स्वामी नहीं लगा रहे हैं। हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की तरह तीसरे रजिस्ट्रेशन चिह्न में भी वाहन से संबंधित सभी जानकारियां दर्ज होंगी। बार कोड को स्कैन करते ही सभी जानकारी चेकिग कर रहे अधिकारियों को मिल जाएंगी।
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नंबर प्लेट के लिए भटकने की नहीं है आवश्यकता -
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के लिए वाहन स्वामी को भटकने की आवश्यकता नहीं है। जिले में 25 वाहन कंपनियों के अलग-अलग शोरूम पर हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगवाने की व्यवस्था की गई है, जिस कंपनी का वाहन है, वाहन स्वामी उसी कंपनी से नंबर प्लेट लगवाएगा।
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नंबर के अतिरिक्त कुछ नहीं लिख सकते -
नंबर प्लेट जारी होने के बाद ही नए वाहन की आरसी दी जाती है और संबंधित वाहन कंपनी के शोरूम द्वारा ही नंबर प्लेट भी लगाकर दी जाती है। इस नंबर प्लेट पर उपसंभागीय कार्यालय द्वारा जारी नंबर के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है। वाहन के नंबर प्लेट पर नाम, पदनाम व विभाग का नाम आदि लिखने पर रोक है। इसके अलावा वाहनों पर नंबर प्लेट फिक्स करने के उद्देश्य को लेकर शासन ने इस नई व्यवस्था को लागू किया है।
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यह मिलता है लाभ -
क्रोमियम होलोग्राम वाली हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट में सात डिजिट का लेजर कोड यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। कोई हादसा या आपराधिक वारदात होने पर इस नंबर के जरिये वाहन और इसके मालिक के बारे में कई जानकारियां उपलब्ध होंगी। कई बार अपराधी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ छेड़छाड़ कर भी फायदा उठा लेते हैं लेकिन, इस नंबर प्लेट पर ऐसा करना संभव नहीं होगा। यह नंबर न तो पेंट और न ही कोई स्टीकर से लिखा होगा। नंबर को प्लेट पर प्रेशर मशीन से लिखा जाता है, जोकि प्लेट पर उभरा हुआ दिखेगा।
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जिले में वाहनों की संख्या
वाहन का प्रकार संख्या
स्कूटर 30676
मोपेड 4350
मोटर साइकिल 72579
कार 15375
जीप 245
ओमनी बस 118
ट्रैक्टर 3978
ट्रक 1173
चार पहिया (माल वाहन) 2851
थ्रीव्हीलर 140
बस 574
टैक्सी वाहन 727
यात्री वाहन 6392
नोट - आंकड़ें परिवहन विभाग के सितंबर माह तक के हैं। इसके अतिरिक्त भी अन्य प्रकार के वाहन पंजीकृत हैं।
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यह कहते हैं अधिकारी -
सभी प्रकार के निजी वाहन स्वामियों को भी तीन माह के भीतर अपने वाहन पर हाइ सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के साथ तीसरा रजिस्ट्रेशन चिन्ह अंकित करना होगा। व्यवसायिक वाहन स्वामियों के लिए आगामी 15 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया है। ऐसा न करने पर वाहन कम्प्यूटर पर लाक हो जाएंगे और वाहन से संबंधित कोई काम नहीं हो सकेगा। - राजेश श्रीवास्तव, एआरटीओ प्रशासन