लोगों की भागीदारी से 12 स्कूल बनेंगे स्मार्ट
गौरव शर्मा हापुड़ माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की दशा सुधारने की कवायद शुरू कर दी ह
गौरव शर्मा, हापुड़
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की दशा सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए अब लोगों की मदद ली जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से विद्यांजलि पोर्टल को शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर स्कूल अपनी जरूरतों की जानकारी देंगे। जिसके बाद दानदाता को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद स्कूलों की दशा में सुधार किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस कड़ी में जनपद के 12 स्कूलों का चयन किया है। जिसमें लोगों की मदद से टीवी, सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर, स्मार्ट कक्षाएं और प्रोजेक्टर भी लगाए जाएंगे। ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अच्छा माहौल मिल सके।
स्कूलों को स्मार्ट बनाने और उनमें संसाधन बढ़ाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यांजलि पोर्टल जारी किया गया है। पोर्टल पर कोई भी स्कूल प्रशासन अपने संसाधनों की कमी दूर करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके बाद स्कूलों की जरूरतों का ब्यौरा बताना होगा। ठीक इसी प्रकार दान देने वाले को भी इसी पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा।
स्कूल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दानकर्ता दान कर सकता है। ऐसे निजी स्कूल जो अपना फर्नीचर और अन्य सामान बदलना चाहते हैं, तो वह भी उस पुराने सामान को किसी जरूरतमंद स्कूल को दे सकता है। जिससे उस विद्यालय की कमी को दूर किया जा सकेगा। इस प्रकार पब्लिक पार्टनरशिप के तहत विद्यालयों को स्मार्ट बनाने, सुसज्जित करने और संसाधनों की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है जो सफल होती है तो इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी बेहतर माहौल उपलब्ध होगा। जनपद में 12 स्कूलों का किया गया है चयन
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनपद के 12 स्कूलों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिनका पूरा विवरण विद्यांजलि पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। अब दान दाताओं के पंजीकरण होने का इंतजार किया जा रहा है। जैसे-जैसे दानदाता पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा मदद करने का आश्वासन देंगे, उसके बाद विद्यालयों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इन स्कूलों में फर्नीचर, प्रोजेक्टर, सीसीटीवी कैमरे, टीवी और स्मार्ट कक्ष बनाए जाएंगे। गैर सरकारी संस्थाओं से सहयोग
स्कूलों के मूलभूत ढांचे को मजबूत बनाने और संसाधनों की पूर्ति के लिए पीपीपी माडल के तहत गैर सरकारी संस्थाओं, कारपोरेट कंपनियों और एनजीओ से भी इस काम में सहयोग मांगा गया है। अपने बजट के अनुरूप और जरूरत के हिसाब से स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए सहयोग दे सकेंगे। अपनी इच्छानुसार विद्यालयों की पहचान कर जरूरी सामग्री विद्यालयों को दे सकेंगे। उससे पहले दान देने वाली संस्थाओं और लोगों की पूरी जांच की जाएगी। उसके बाद ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
जनपद के 12 स्कूलों को स्मार्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। विद्यांजलि पोर्टल पर सभी स्कूलों का विवरण डाल दिया गया है। दान दाताओं के सामने आने पर इन विद्यालयों की दशा बदलने का काम शुरू करा दिया जाएगा।
-निशा अस्थाना, जिला विद्यालय निरीक्षक