सहकारी समितियों से यूरिया नदारद, किसान परेशान
संस भरुआ सुमेरपुर डीएपी के बाद अब सहकारी समितियों से यूरिया खाद नदारद होने से किसान प
संस, भरुआ सुमेरपुर : डीएपी के बाद अब सहकारी समितियों से यूरिया खाद नदारद होने से किसान परेशान हैं। मजबूर होकर किसान खुले बाजार से महंगे दामों में यूरिया खरीद कर फसलों में छिड़काव करने को मजबूर हैं। समितियों में चार दिसंबर तक यूरिया आने की संभावना जताई जा रही है।
कस्बे के क्षेत्रीय सहकारी समिति में यूरिया लेने आए किसान बउआ यादव, देवीचरन, रामदास, राजू सिंह, राम सिंह, घनश्याम, रामबाबू, सियाराम ने बताया कि वह पिछले चार दिनों से यूरिया लेने के लिए समितियों के चक्कर काट रहे हैं। किसानों ने बताया कि मौजूदा समय में दलहन तिलहन तथा गेहूं की फसलों में पानी लग जाने के बाद यूरिया के छिड़काव की जरूरत है। लेकिन यह समितियों से नदारद है। ब्लाक क्षेत्र में इंगोहटा, छानी, पौथिया, हेलापुर, पचखुरा बुजुर्ग, मुंडेरा, सुमेरपुर में क्षेत्रीय सहकारी समिति तथा क्रय विक्रय सहकारी समिति के अलावा पीसीएफ का किसान सेवा केंद्र संचालित होता है। यहां से किसानों को खाद बीज कीटनाशक आदि प्राप्त होता है। डीएपी का संकट झेलने के बाद अब सहकारी समितियां यूरिया खाद के संकट से जूझ रही हैं। क्षेत्रीय सहकारी समिति के सचिव योगेंद्र सिंह, क्रय विक्रय सहकारी समिति के सचिव शुभम त्रिपाठी, पीसीएफ किसान सेवा केंद्र के प्रभारी शिव सिंह ने बताया कि तीन दिसंबर तक महोबा में रैक लगने की उम्मीद जताई गई है। बताया कि चार दिसंबर तक सभी समितियों में यूरिया खाद उपलब्ध हो जाएगी। उधर सहकारी समितियों में यूरिया का अभाव होने से दुकानदारों की बल्ले-बल्ले हो गई है। यह लोग खुलेआम 300 रुपये प्रति बैग युरिया बेच रहे हैं।