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मनमाने दामों पर व्यापारी खरीद रहे हरा मटर, किसान परेशान

जागरण संवाददाता हमीरपुर महंगे दामों में बिकने वाले दंतेबाड़ा व पीके थ्री प्रजाति का हरा

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 06:54 PM (IST)
मनमाने दामों पर व्यापारी खरीद रहे हरा मटर, किसान परेशान
मनमाने दामों पर व्यापारी खरीद रहे हरा मटर, किसान परेशान

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : महंगे दामों में बिकने वाले दंतेबाड़ा व पीके थ्री प्रजाति का हरा मटर व्यापारी मनमाने दामों में खरीद रहे हैं। जिससे इसका उत्पादन करने वाले किसान परेशान हैं। वहीं इनके प्रतिबंधित होने की अफवाह के चलते कई इच्छुक किसानों ने इससे किनारा कर लिया है। कृषि विभाग के अलावा मंडी समितियों ने हरे मटर के प्रतिबंधित होने की बात से इन्कार किया है।

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दो वर्ष पूर्व कृषि विभाग द्वारा दंतेबाड़ा, कनाडा व पीके थ्री प्रजातियों के हरे मटर का बीज किसानों को वितरित किया। जिसका उत्पादन करने वाले किसानों को साधारण मटर की तुलना में तीन गुने दाम मिले। जबकि उत्पादन में लागत दोनों की बराबर रही। ऐसे में अगले वर्ष जिले के बहुतायत में किसानों ने साधारण मटर की बजाय हरे मटर के बीज की बोआई कर उत्पादन किया। जिसे मौजूदा में सुमेरपुर, कुरारा, मौदहा व राठ मंडियों में व्यापारी मनमाने दामों पर खरीद रहे है। ऐसे में किसान परेशान है। वहीं इसकी बोआई करने के इच्छुक किसानों ने भी इससे किनारा कर लिया। इसका कारण किसानों में फैली अफवाह बताई जा रही है। हरे मटर का उत्पादन करने वाले सुमेरपुर क्षेत्र के कलौलीजार निवासी किसान रविद्र यादव, महेंद्र, राजेश, अभिलाष तिवारी, अशोक पालीवाल आदि ने बताया कि उन्होंने 16 हजार रुपये प्रति क्विंटल का बीज खरीद कर इसकी बोआई की थी। जिसके तैयार होने पर 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल का रेट रहा और मंडियों में आसानी से बिक जाता था। वहीं सितंबर माह तक स्थिति ठीक रही। अचानक इसके प्रतिबंधित होने की अफवाह फैल गई और व्यापारियों ने भी कम दामों में इसे खरीदना शुरू कर दिया। जिससे इस वर्ष बोआई करने वाले किसानों ने इससे किनारा कर लिया। बताया कि सुमेरपुर, कुरारा व राठ मंडी में व्यापारियों ने इसे लेने से मना कर दिया। वहीं महोबा मंडी में इसे चार हजार रुपये प्रति क्विंटल के दामों पर ले रहे है। मामले में उप कृषि निदेशक डा. सरस तिवारी ने बताया कि प्रतिबंधित होने जैसी कोई बात नहीं है। न ही इस संबंध में कोई शासनादेश आया है। मंडी सचिव सुमेरपुर बृजेश निगम ने बताया कि हरा मटर प्रतिबंधित नहीं हुआ है। इसकी डिमांड कम होने से व्यापारी इसे कम खरीद रहे हैं।


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