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हमीरपुर में पैक हाउस निर्माण में मानकों की अनदेखी, आवास के रूप में हो रहा प्रयोग

जागरण संवाददाता हमीरपुर बुंदेलखंड पैकेज के तहत दो लाख रुपये अनुदान पर जिले में बनवाए 35

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:48 PM (IST)
हमीरपुर में पैक हाउस निर्माण में मानकों की अनदेखी, आवास के रूप में हो रहा प्रयोग

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : बुंदेलखंड पैकेज के तहत दो लाख रुपये अनुदान पर जिले में बनवाए 35 पैक हाउसों में मानकों की अनदेखी हुई है। इससे शासन की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही। यहां ज्यादातर किसान इनका आवास के रूप में प्रयोग कर रहे है। वहीं कई निर्माणाधीन पैक हाउसों को विभाग द्वारा महीनों पूर्व पूर्ण दिखाया जा चुका है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों, फलों व अन्य उत्पादों को मार्केट ले जाने से पूर्व पैकिग, छटाई आदि कार्यों के लिए शासन ने जिले में 35 पैक हाउसों निर्माण की स्वीकृति दी थी। साथ ही 70 लाख रुपये का बजट भी जारी किया। ताकि किसान खेत पर ही सुविधा से अपने उत्पादन की पैकिग कर सके। बुंदेलखंड पैकेज के तहत चार लाख रुपये की लागत से तैयार होने वाले पैक हाउस के निर्माण में जहां दो लाख रुपये उद्यान विभाग द्वारा अनुदान के रूप में दिए गए। वहीं शेष लागत किसान द्वारा लगाई गई। मानक के अनुसार कई स्थानों पर इनका निर्माण बस्ती के बाहर खेत में न करा आबादी के बीच ही करा दिया गया।

गिरवर गांव के प्रधान प्रतिनिधि रवींद्र कुमार के अनुसार गांव में पैक हाउस बनाया जा रहा है जब कि अभिलेखों मे कई महीने पहले बनाकर दिखाया जा रहा है। उमरिया गांव में तीन पैक हाउस बनाए गए है। इनमें एक पैक हाउस बस्ती में ही बनवा दिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार लाभार्थी अनियमितिता पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है। औता गांव के प्रधान के अनुसार पैक हाउस नंदराम ने निर्मित तो कराया है लेकिन उसमें अनाज स्टोर न कर उसको रिहायशी मकान बना लिया है। यहां बने पैक हाउस

उद्यान विभाग द्वारा जिले के धमना, मुस्कराखुर्द, छिवौली, बंधौली, कैथा, गिरवर, औडेरा, नवैनी, कैथा, मसीदन, बसेला, रघवा, जिगनी, उमरिया में तीन, कुसमरा, इंदरपुरा, लोधामऊ, पडुई मुस्करा, रीवन, रमेडी तरौस, सरसई, गौरी, गुढ़ा, इगोहटा, झलोखर, औता, उमरी, कुसमरा, सरसई, पाराओझी गांव में पैक हाउस बनवाए गए है। पैक हाउस निर्माण में किसान की ओर से लागत लगाई गई है। हर समय उसमें फसल या फलों की पैकिग का कार्य नहीं हो सकता। इसके अलावा पैक हाउस में किसान रह सकता है। बस्ती में पैक हाउस निर्माण की जानकारी कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

उमेशचंद्र उत्तम, उद्यान अधिकारी


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