आधी रात में दूधिये का शव रखकर सागर हाईवे किया जाम
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : रविवार देर शाम सड़क हादसे में दूधिये की मौत के बाद परिजनों न
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : रविवार देर शाम सड़क हादसे में दूधिये की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए आधी रात को सागर हाईवे पर शव रखकर जाम लगा दिया। अस्पताल से परिजन स्ट्रेचर पर ही शव रखकर डेढ़ किमी दूर यमुना पुल तक पहुंच गए थे। हैरत की बात यह रही कि बगल में कोतवाली और एसपी ऑफिस होने के बाद भी पुलिस को इसकी खबर तक नहीं लगी। रात करीब पौने बारह बजे जाम लगने के एक घंटे बाद पुलिस पहुंची और किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। रात करीब सवा एक बजे हाईवे का जाम समाप्त हुआ।
थाना क्षेत्र चांदपुर के ग्राम गंगूपुर निवासी कमलेश यादव (45) पुत्र बच्ची यादव रविवार की देर शाम अपने गांव से धरछुआ गांव दूध लेने के लिए जा रहे थे। जैसे ही वह गांव के बाहर स्थित रेलवे क्रा¨सग नंबर 44 के पास पहुंचे कि तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार वैन ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने घटना की सूचना उनके परिजनों को दी। मौके पर पहुंचे परिजन कमलेश को सदर अस्पताल लाए। जहां डॉक्टरों ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही जिला अस्पताल में लोगों की भीड़ जुटने लगी। इसके बाद भीड़ का आक्रोश बढ़ता गया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू दी गई। देखते-देखते ही परिजनों ने शव को स्ट्रेचर पर रखकर सागर हाईवे पहुंच गए। रात करीब 11:45 बजे जाम लगने से वाहनों की कतार लग गई। करीब एक घंटे बाद सीओ सदर रजनीश उपाध्याय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझा-बुझाकर किसी तरह से जाम खुलवाया।
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डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं करने का आरोप
मृतक के भाई सुरेश ने बताया कि जब वह अपने घायल भाई को अस्पताल लेकर पहुंचे तो उसकी सांसें चल रही थी। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने डेढ़ घंटे तक कमलेश का इलाज नहीं किया, जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं, अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर ही खत्म था। सुरेश ने बताया कि घटना की जानकारी होती ही उसने 108 एंबुलेंस को फोन पर सूचना दी, लेकिन समय पर एंबुलेंस न पहुंचने के कारण व घायल भाई को मोटरसाइकिल से अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे समय पर इलाज नहीं मुहैया कराया।
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इलाज में लापरवाही का आरोप गलत
पुरुष अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉ. एके ¨सह ने बताया कि कमलेश मृत अवस्था में आया था। आक्सीजन खत्म होने व लापरवाही बरतने का आरोप गलत है। वहीं, जांच करने पहुंचे एसडीएम अजीत परेस ने बताया कि मौके पर 81 में से 61 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे मिले हैं।