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ग्रामीण अड़े, एक्सप्रेस-वे का काम 48 घंटे से बंद

संसू इचौली (हमीरपुर) गुरुवार को इचौली व गुसियारी के ग्रामीणों को अपनी जमीन अधिग्रहण के

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 07:33 PM (IST)
ग्रामीण अड़े, एक्सप्रेस-वे का काम 48 घंटे से बंद
ग्रामीण अड़े, एक्सप्रेस-वे का काम 48 घंटे से बंद

संसू, इचौली (हमीरपुर) : गुरुवार को इचौली व गुसियारी के ग्रामीणों को अपनी जमीन अधिग्रहण के संबंध में कोई दस्तावेज न मिलने व राशि खातों में नहीं पहुंचने के कारण नाराज होकर गुरुवार को एक्सप्रेस-वे काम रुकवा दिया। जोकि एसडीएम की वार्ता के बाद भी शुक्रवार को 48 घंटे बाद भी शुरू नहीं हो सका। ग्रामीण और किसान अपनी बात पर अड़े रहे। वहीं अफसर निराश होकर देर शाम सात बजे वहां से लौट गए।

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एक्सप्रेस-वे मौदहा क्षेत्र के इचौली गुसियारी के मध्य से होकर गुजर रहा है। इस जगह जहां मटौंध, कपसा, मौदहा मार्ग होकर जाता है लेकिन सरकारी रिकार्ड में यह सड़क दर्ज नहीं है। गुसियारी के किसान जमीरउद्दीन, हिलालुद्दीन, मेराजुद्दीन व इचौली के किसान योगेंद्र कुमार, राजेश कुमार, शैलेन्द्र कुमार, ओमप्रकाश का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया गया और आपत्ति को निस्तारण किए बगैर हमारी जमीन अधिग्रहण कर ली गई। हमे सर्किल रेट से कम मुआवजा दिया जा रहा है। हमारी जमीन मटौंध-कपसा मौदहा रोड से लगी हुई है। चूंकि सड़क की चौड़ाई सात मीटर है अत: मूल्यांकन सूची के अनुसार हमें सामान्य भूमि की दर से 50 फीसद अधिक मुआवजा मिलना चाहिए। सरकारी अभिलेखों में सड़क नही दिखाकर मुआवजा कम दिया जा रहा है। इस लिए गुरुवार को किसानों ने काम बंद करा दिया था। जिस पर शुक्रवार सुबह इचौली लेखपाल कैलाश साहू ने किसानों को फोन कर बताया कि एडीएम व तहसीलदार मौदहा रामानुज शुक्ला किसानों से बात करने गुसियारी गांव लगभग तीन बजे आएंगे। अधिकारियों का इंतजार कर रहे किसानों ने चार बजे तहसीलदार मौदहा को फोन किया तो उन्होंने बताया कि एसडीएम मौदहा और मैं मौके पर पहुंच रहे हैं। शाम छह बजे उपजिलाधिकारी राजेश कुमार चौरसिया व तहसीलदार रामानुज शुक्ला किसानों से बात करने पहुंचे। एसडीएम ने किसानों से कहा कि आपकी जमीन अधिग्रहण कर ली गई है और एक दो दिन में उसके अभिलेख आपको मिल जाएंगे। कहा कि आपके सर्किल रेट की आपत्ति का कोर्ट द्वारा ही निस्तारण होगा। तहसीलदार बोले कि आप लोग काम होने दें लेकिन ग्रामीण नहीं माने और अफसरों को निराश लौटना पड़ा।


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