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तुलसी की फसल तैयार कर दिखाई औषधीय खेती की राह

संवाद सहयोगी भरुआ सुमेरपुर लॉकडाउन के दौरान बिदोखर के किसान ने सूखे बुंदेलखंड में त

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 11:53 PM (IST)
तुलसी की फसल तैयार कर दिखाई औषधीय खेती की राह
तुलसी की फसल तैयार कर दिखाई औषधीय खेती की राह

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : लॉकडाउन के दौरान बिदोखर के किसान ने सूखे बुंदेलखंड में तुलसी की खेती करके क्षेत्र के किसानों को औषधीय खेती की राह दिखाई है। इस किसान को उद्यान विभाग मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहा है।

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विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिदोखर पुरई निवासी धीरेंद्र सिंह ने खरीफ की फसल में तुलसी की खेती की है। इन्होंने करीब 55 बीघे में तुलसी बोई है। इसके बोने का सबसे ज्यादा फायदा यह है कि इसको अन्ना पशु नहीं खाते हैं। इस लिए रखवाली का झंझट नहीं है। उन्होंने बताया कि 55 बीघे में करीब 3 लाख रुपये की लागत आई है। इसमें करीब 15 लाख रुपये की फसल तैयार होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि फसल की रोपाई, निराई आदि कराने में 50 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। एक पखवारे के बाद फसल तैयार हो जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में तुलसी की बाजार कीमत 140 रुपये से लेकर 180 रुपये प्रति किलो तक है। फसल आते आते कुछ कीमत घट सकती है। लेकिन इसके बाद भी 120 रुपये प्रति किलो से कम दाम नहीं मिलेगे। बुधवार को जिला उद्यान अधिकारी उमेश चंद्र उत्तम ने गांव पहुंच कर किसान द्वारा तैयार की गई तुलसी की फसल क निरीक्षण करने के उपरांत कहा कि यह सराहनीय प्रयास है। किसानों को इनके प्रयास से प्रेरणा लेकर औषधीय खेती को बढ़ावा देना चाहिए। इससे किसानों की आमदनी दुगनी होगी और किसान आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत केंद्र सरकार भी औषधीय खेती बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके तहत तुलसी अश्वगंधा, सर्पगंधा आदि की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कहा, वह किसान के इस प्रयोग को मॉडल के तौर पर प्रस्तुत करके किसानों को खरीफ की फसलों की जगह पर तुलसी की खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।


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