हमीरपुर में आय-व्यय का ब्योरा न देने वाले प्रधान नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
जागरण संवाददाता हमीरपुर पिछले पंचायत चुनाव के दौरान दिए गए निर्देशों पर अगर आयोग अमल करता है। इसे लेकर पूर्व में निर्देश जारी किए गए थे।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : पिछले पंचायत चुनाव के दौरान दिए गए निर्देशों पर अगर आयोग अमल करता है तो अबकी 90 फीसद मौजूदा प्रधान चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। क्योंकि, जिले में चुनाव जीतने वाले मात्र दस फीसदी ग्राम प्रधानों ने ही अपना ब्योरा निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराया गया।
प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने जा रहा है। वहीं अब गांवों में आगामी पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। मौजूदा प्रधान आरक्षण के आधार पर एक बार फिर अपना भाग्य आजमाने की सोच रहे है। निर्वाचन आयोग की कड़ाई उनके मंसूबों में पानी फेर सकती है। क्योकि जिले में निर्वाचित हुए 90 प्रतिशत प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्यों द्वारा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। जबकि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में आयोग द्वारा इसे लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। साथ ही आय-व्यय का ब्योरा न देने वालों को आगे से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की चेतावनी भी दी गई थी। चुनाव लड़ने वाले ज्यादातर प्रत्याशियों द्वारा ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में यदि निर्वाचन आयोग इस पर सख्त होता है तो चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कई लोगों को निराशा हो सकती है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन किया जाएगा। आयोग द्वारा ऐसे लोगों पर जो भी निर्णय लिया जाएगा विभाग उसके आधार पर ही उन्हें चुनाव लड़ने की परमीशन देगा। इसके लिए गाइड लाइन भी जारी की जाएगी।