हमीरपुर में पराली जलाने पर अफसर सख्त, होगी एफआइआर
जागरण संवाददाता हमीरपुर बढ़ते प्रदूषण व धुंध को लेकर प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ताकि पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : बढ़ते प्रदूषण व धुंध को लेकर प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिले में फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट से एक प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। जो गांव गांव जाकर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन न जलाने के लिए जागरूक करेगा।
सोमवार के अंक में 'दैनिक जागरण' ने बढ़ते प्रदूषण व धुंध को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसे संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के कलाम सभागार में बैठक की और किसानों से अपील की कि किसान खेतों में फसल अवशेष को न जलाकर प्रथम तो कृषि विभाग द्वारा वितरित किये जा रहे विभिन्न कृषि यंत्रों का उपयोग करके उसे जमीन में मिलवा दें या उपलब्ध कराये जा रहे वेस्ड डी कंपोजर के माध्यम से पराली को किसी गड्ढे में डालकर सड़ा दें। कहा है कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। बताया कि पराली समेत फसल अवशेष या कूड़ा आदि जलाने पर दो एकड़ की सीमा तक ढाई हजार, दो से पांच एकड़ तक पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक होने पर 15 हजार का जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके अतिरिक्त पर्यावरण को प्रदूषित करने के आरोप में एफआइआर भी दर्ज की जाएगी। इसके लिए पूर्व में भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अफसरों को नियमित निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। जहां-जहां पराली जलाने की सूचनाएं मिलेंगी वहां कार्रवाई की जाएगी।