हमीरपुर में भक्तों ने डूबते सूर्यदेव को दिया अर्घ्य
संस भरुआ सुमेरपुर कस्बे के गायत्री तपोभूमि के गायत्री गंगाघाट पर शाम को डूबते हुए सूर्य
संस, भरुआ सुमेरपुर : कस्बे के गायत्री तपोभूमि के गायत्री गंगाघाट पर शाम को डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ मनाई गई। इस मौके पर सैकड़ों महिला, पुरुष व बच्चे घाट पर मौजूद रहे।
कस्बे में बिहार प्रांत के लगभग आधा सैकड़ा परिवार दशकों से रह रहे हैं। यह लोग छठ पर्व धूमधाम से प्रतिवर्ष कस्बे के प्रमुख धार्मिक स्थल गायत्री तपोभूमि के गायत्री गंगाघाट पर मनाते हैं। इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाया गया। शनिवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होगा। इसी के साथ 36 घंटे तक चले निर्जला व्रत पारण भी करेंगे। शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गायत्री गंगाघाट पर मौजूद बिहार प्रांत के निवासी श्रीविद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अरुण कुमार मिश्रा, मोनू सिंह, सुरेन्द्र जयसवाल, शैलेष, पल्टूराम यादव, ज्ञानचंद जयसवाल आदि ने बताया कि यह महापर्व सुख समृद्धि की कामना का लोक पर्व है। इसे एक साथ मिलकर मनाने की परंपरा देश में मौजूद है।
उधर, महोबा में छठ पर्व 18 नवंबर को नहाय खाए के साथ प्रारंभ हुआ था। गुरुवार शाम को खरना करने के बाद शुक्रवार को डूबते हुए सूरज को जल दिया गया। जिले में छठ का पर्व करने वालों की संख्या बहुत सीमित है। इसके बाद भी पर्व को लेकर तैयारी बेहतर ढंग से की गई हैं। डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पूजन को लेकर किसी को कोई दिक्कत न हो इसके लिए कीरतसागर तट पर पहले से ही व्यवस्था कर दी गई थीं। जिला अस्पताल में एसीएमओ पद पर तैनात डॉ. सुरेंद्र प्रसाद हर साल पूरे उत्साह के साथ छठ की पूजा और व्रत पत्नी रश्मी शर्मा के साथ रहते हैं। उन्होंने शाम को कीरतसागर पहुंच कर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया। बताया कि 21 की सुबह उगते हुए सूर्य को जल देकर व्रत को पूरा करेंगे। कबरई में भी काफी संख्या में लोग छठ की पूजा करते हैं। यहां सरोवर के किनारे उनके पूजन की व्यवस्था की गई थी। जयेंद्र, पत्नी शांती के साथ इस व्रत को रहते हैं। बताया कि वह एक फैक्ट्री में काम करते हैं। महोबा में करीब पांच साल से रहते हुए इस व्रत को करते आ रहे हैं।