गांव में पराली जली तो प्रधान होंगे जिम्मेदार
जागरण संवाददाता हमीरपुर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शासन ने प्रधानों को गांव म
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शासन ने प्रधानों को गांव में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें वह पंचायत सदस्यों सदस्यों के साथ बैठक कर लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे व इससे होने वाली हानि की जानकारी भी बताएंगे। साथ ही ऐसे कृत्यों को छिपाने पर उन्हें भी मामले का सह अभियुक्त बनाया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी ने जिले के सभी ग्राम प्रधानों को पत्र भेज एनजीटी की प्रक्रिया में सहयोग की अपील की है।
सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर पारित आदेश व शासन से निर्गत आदेशों का उल्लेख करते हुए डीएम डॉ. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने प्रधानों को पत्र जारी कर गांव में होने वाली पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में उनसे सहयोग की अपील की है। कहा, वह वर्तमान में खरीफ सीजन में बोई गई फसलों की कटाई के पूर्व ही इस पर चरणबद्ध ढंग से काम करें। इसके लिए कोविड नियमों का पालन करते हुए ग्राम पंचायत सदस्यों की साधारण बैठक 22 से 27 सितंबर 2020 के बीच अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इसमें सदस्यों को किसानों के बीच फसल अवशेषों के न जलाए जाने व अवशेष जलाने से भूमि पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी दिए जाने को लेकर कहा जाए। साथ ही लोगों को दंडात्मक कार्रवाई से भी अवगत कराया जाए। बैठक में संबंधित विभागों के कर्मचारियों को भी बुलाया जाए। इसके अलावा वाल पेंटिग करा लोगों को इसकी जानकारी दी जाए। इसमें लगने वाले दंड व सजा की जानकारी का विवरण अंकित कराया जाए। इसके बाद भी गांव के किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो प्रधान इसकी सूचना लिखित में लेखपाल को देंगे। जो अपनी आख्या संबंधित एसडीएम को देंगे। जिस पर एसडीएम के निर्देशानुसार निर्धारित दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कहा, यदि ऐसी घटना होने पर प्रधान द्वारा इसे छिपाया जाता है या अफसरों को अवगत कराने में शिथिलिता बरती जाती है तो इसमें संबंधित प्रधान की संलिप्तता मानते हुए उनके उत्तरदायित्व निर्धारित कर इस अपराध में सह अभियुक्त बना दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।