मानवाधिकार आयोग ने पुलिस आयुक्त लखनऊ को दी डिस्ट्रीब्यूटर मामले की जांच
जागरण संवाददाता हमीरपुर मुख्यालय निवासी बैट्री-इन्वर्टर बेचने वाली कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : मुख्यालय निवासी बैट्री-इन्वर्टर बेचने वाली कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर ने कंपनी के लखनऊ निवासी जीएम समेत तीन लोगों की मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। पीड़ित ने उन पर धोखाधड़ी कर मानसिक व आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया था। जिस पर मामले की जांच मानवाधिकार आयोग ने पुलिस आयुक्त लखनऊ को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
विवेक नगर मोहल्ला निवासी दिव्यांग बाबूलाल विश्वकर्मा अक्टूबर 2018 से एक बैट्री-इनवर्टर कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर रहे। वहीं कंपनी द्वारा उनसे बिना एनओसी लिए काम दूसरे को दे दिया। जिससे परेशान होकर उन्होंने मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग से की। जिसमें बताया कि दिव्यांग होने के चलते उनका सारा काम उनका बेटा विवेक विश्वकर्मा देखता है। वहीं कंपनी का काम करने के दौरान उनका पैसा बाजार में फंस गया। वहीं कंपनी द्वारा अचानक दिया क्रेडिट मई 2020 में बंद कर दिया गया। जिस पर कंपनी द्वारा दिए गए उधार रुपये उन्होंने चुकता कर दिए। साथ ही कंपनी ने फोन पर सूचना दी कि उनकी लिमिट बंद है काम कैस में करोगे। जिस पर मेल व फोन पर उनकी वार्ता के बाद 12 लाख रुपये लगाकर बिलिग का काम शुरू किया। वहीं अगस्त 2021 में बेटे विवेक का एक्सीडेंट होने के कारण बिलिग कार्य नहीं हो सका। जिस पर कंपनी ने बिना बताए और एनओसी लिए काम दूसरे को दे दिया। जिस पर पीड़ित ने कई बार लखनऊ में जनरल मैनेजर, ब्रांच मैनेजर कानपुर से बैठक को संपर्क किया। लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। पीड़ित ने उक्त दो अधिकारियों के अलावा कानपुर में रहने वाले एक अन्य युवक की आयोग में शिकायत की। पीड़ित ने बताया कि आयोग ने मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ को कहा है।