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कागजों में हरियाली, हकीकत में बंजर

जागरण संवाददाता, महोबा: हर साल पौधरोपण अभियान चलता है। हजारों पौधे रोपित होते हैं। विभाग भ

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 08:43 PM (IST)
कागजों में हरियाली, हकीकत में बंजर
कागजों में हरियाली, हकीकत में बंजर

जागरण संवाददाता, महोबा: हर साल पौधरोपण अभियान चलता है। हजारों पौधे रोपित होते हैं। विभाग भी लाखों बजट व्यय होता है, लेकिन यह पौधे कहां लगे हैं, यह पता नहीं। आधे से ज्यादा स्थानों पर तो पौधे लगे ही नहीं हैं, जहां लगे हैं, वहां या तो सूख गये या फिर जानवर खा गए। हालांकि विभागीय आंकड़ों में तो हर जगह हरा भरा है।

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विभागीय आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018-19 में 94 स्थलों को ¨चहित कर 1338 एकड़ क्षेत्रफल में 636138 पौधों का रोपण किया गया। इसमें से कई स्थानों पर पौधे केवल कागजों में ही लगाये गये हैं। जहां लगे, वहां सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया गया। अधिकांश पौधे पर ट्री गार्ड नहीं लगाया। लापरवाही के चलते अधिकांश पौधे या तो सूख गये या जानवर खा गये। जबकि विभागीय आंकड़ों की बात करें तो शत प्रतिशत पौधे जीवित है।

यहां तो दिखते नहीं पौधे

पनवाड़ी विकास खंड के वन क्षेत्र टोला पातर, नगर पटरी लौहर गांव, नहर पटरी लिलवा सहित चरखारी के मलखान सागर सहित सातों तालाबों के किनारे, वन रेंज कुरौरा डांग व श्रीनगर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पौध रोपण हुआ। इन क्षेत्रों में धरातल हकीकत है कि पौधे कहीं नजर हीं नहीं आ रहे हैं।

हरियाली की जगह धूल

यही नहीं जिलाधिकारी ने बैठक कर कबरई के सभी क्रशर प्लांट संचालकों के यहां पौधरोपण के आदेश दिए थे। हकीकत यह है चारों तरफ हरियाली की जगह धूल की उड़ती नजर आती है। शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया गया है। उनकी देखभाल भी हो रही है। कुछ पौधे सूखे होंगे उनको दिखवाया जाएगा।

- रामजी राय, प्रभागीय वनाधिकारी।


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