महिलाओं में आत्मनिर्भर के मोती बिखेर रही माला
भूपेंद्र कोष्टा राठ क्षेत्र के जराखर गांव निवासी माला रावत निस्वार्थ भाव से
भूपेंद्र कोष्टा, राठ
क्षेत्र के जराखर गांव निवासी माला रावत निस्वार्थ भाव से नारी सशक्तीकरण के कार्य में लगी हैं। वह गांवों व कस्बे की जरुरतमंद महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग के हुनर सिखा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में लगी हैं। अब तक माला ने 70 महिलाओं को प्रशिक्षित किया है। इसके माध्यम से इन महिलाओं की आमदनी भी हो रही है।
माला रावत ने लखनऊ से फैशन डिजाइनिग का 2017 में कोर्स पूरा किया। इसके बाद उन्होंने अपने काम के लिए किसी बड़े शहर का चयन नहीं किया। बल्कि उन्होंने अन्य महिलाओं युवतियों को इसे सिखाने को 2018 में कस्बे में एक इंस्टीट्यूट खोला। माला के अनुसार इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाली लड़कियों, महिलाओं को डिप्लोमा भी दिया जाता है। इसके अलावा वह जरुरतमंद महिलाओं, लड़कियों को सिखाने के लिए 15 या 20 दिवसीय वर्कशाप का हर तीन माह में आयोजन करती हैं। निशुल्क वर्कशाप में लड़कियों और महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई के अलावा गिफ्ट बॉक्स, राखी, राखी थाल, आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाना व चूड़ी डिजाइन करना सिखाती हैं। अब तक वह कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र की करीब 70 महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुकी हैं। ऑनलाइन होती है तैयार सामान की बिक्री
माला ने बताया कि पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण महिलाओं को सामान तैयार करने के लिए मैटेरियल की समस्या आती है। जिसके लिए वह अपनी संस्था से सामान उपलब्ध कराती है और उनके द्वारा तैयार सामान की ऑनलाइन बिक्री की जाती है। पिता से मिली प्रेरणा
माला के अनुसार हर लड़की का एक सपना होता है लेकिन घर परिवार की जिम्मेदारियों के नाम पर ज्यादातर लड़कियों को अपने सपने दफन करने पड़ते हैं। इसी सोच के चलते पिता श्रीनारायण रावत ने उन्हें फैशन डिजाइनिग का कोर्स कराया। शिक्षक होने के नाते पिता ने हमेशा दूसरों की मदद को तत्पर रहने की सीख दी।