कोहरा न बने कहर, चलें संभल कर
बीते वर्ष चार दिसंबर को चरखारी निवासी हरदू
(केस-एक)
बीते वर्ष चार दिसंबर को चरखारी निवासी हरदू, मनमोहन के साथ बाइक से बेलाताल से घर लौट रहे थे। कुलपहाड़ के बमौरी गांव के पास कोहरे में बाइक पेड़ से टकरा गई और दोनों की मौत हो गई। (केस-दो)
इसी दिन सलुआ निवासी योगेंद्र व गजेंद्र, सुरेंद्र मजदूरी के लिए बाइक से कबरई जा रहे थे। रास्ते में ग्राम गहरा व बघारी के बीच कोहरे में ही डग्गामार वाहन ने टक्कर मार दी। इससे गजेंद्र की जान चली गई। (केस-तीन)
खरेला में कोहरे में भी तेज रफ्तार से आ रहे चार पहिया वाहन की टक्कर से बाइक सवार मान सिंह उर्फ कल्लू की मौत हो गई। संविदा पर नगर पंचायत खरेला में काम करने वाले कल्लू के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी और वह मां का इकलौता सहारा था।
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जागरण संवाददाता, महोबा : बीते वर्ष दिसंबर में कोहरे के बीच हुए हादसों में चार परिवारों के लोग काल के गाल में समा गए और पीछे परिवार के लिए छोड़ गए असहनीय दर्द। सर्दी और कोहरे का मौसम एक बार फिर आ गया। ऐसे में सावधान हो जाएं क्योंकि चूके तो कोहरा जिंदगी भर का दर्द दे सकता है। सर्वाधिक सड़क हादसे कोहरे में होते है और जिदगी रूठ जाती है। बीते वर्ष कोहरा महज 15-20 दिन ही पड़ा, लेकिन दिसंबर और जनवरी की घटनाओं को ही लें तो 8 लोग दुर्घटनाओं में मौत के आगोश में समा गए। इन घटनाओं में करीब 50 लोग घायल भी हो गए थे।
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सावधानी बचा सकती परिवार को तबाही से
कोहरे में जान गंवाने वाले हरदू के बड़े भाई देवी प्रसाद ने कहा कि कोहरा देख कर हादसा याद आता है। थोड़ी संजीदगी बरत कर परिवार को तबाह होने से बचाया जा सकता है। मान सिंह की मां बुधिया कहती हैं कि कोहरे में गाड़ी की रोशनी ठीक रखें और धीमे चलें तो दुर्घटना से बच जाएंगे।
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कोहरे का मौसम राजमार्गों पर खतरनाक होता है। बहुत जरूरी न हो तो कोहरा छंटने के बाद चलें। जरूरी हो तो इंडीकेटर, रिफ्लेक्टर आदि दुरुस्त करा कर नियंत्रित रफ्तार में सफर करें ताकि जान खतरे में न पड़े। वाहन को पूरी तरह फिट करा लें। ऐसा करके वह खुद के साथ अन्य वाहन सवारों को भी सुरक्षित कर सकते हैं।
- जटाशंकर राव, यातायात प्रभारी