आरपीएफ की निगरानी से पस्त अतिक्रमणकारियों के मंसूबे
जागरण संवाददाता हमीरपुर आरपीएफ की निगरानी व समय-समय पर अतिक्रमण रोकने के लिए चलाए
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : आरपीएफ की निगरानी व समय-समय पर अतिक्रमण रोकने के लिए चलाए जाने वाले अभियान के चलते रेलवे की जमीन पर कब्जा करने वालों के मंसूबे पस्त हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं कृषि के रूप में रेलवे जमीन पर कब्जे दिखाई देते हैं, लेकिन अफसर समय-समय पर अभियान चलाकर उसे हटवाने का दावा करते हैं।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जिले में रेलवे का विकास नहीं हो सका है। जिले से होकर निकली 65 किमी लंबी रेल लाइन से केवल जनपद का पश्चिमी हिस्सा ही इससे जुड़ा है। जिले के शेष स्थानों पर आवागमन का साधन बसें व अन्य चार पहिया वाहन है। कानपुर-बांदा रेलवे लाइन में जनपद के छह रेलवे स्टेशन यमुना साउथ बैंक (पत्योरा), भरुआ सुमेरपुर, इंगोहटा, रागौल (मौदहा), अकौना व इचौली है। भरुआ सुमेरपुर व मौदहा रागौल के अलावा शेष ग्रामीण क्षेत्र में है। जिनमें कृषि के रूप में ही कहीं कहीं अतिक्रमण दिखाई देता है। इसे रेलवे समय समय पर हटवाने की बात कह रहा है। वहीं शहरी क्षेत्रों में यात्रियों को सुविधा के नाम पर स्टेशनों के निकट रेलवे लाइन के किनारे ही लोग अतिक्रमण कर लेते है। समय-समय पर आपीएफ द्वारा चलाए जाने वाले अभियान से इसे हटवाया जाता है। बीते छह माह पूर्व सुमेरपुर रेलवे क्रांसिग पर आरपीएफ थाना जूही द्वारा अभियान चला अतिक्रमण हटवाया गया था। मौजूदा में जिले से गुजरी रेलवे लाइन पर कोई अतिक्रमण नहीं है। बेमकसद साबित हो रहे अंडर ब्रिज
सुरक्षा की ²ष्टि से मावन रहित क्रांसिगों पर मौदहा व सुमेरपुर क्षेत्र में अंडरब्रिज बनवाए गए थे। बारिश के दौरान इनमें जल भराव होने से यह बेमकसद साबित हो रहे है। जलभराव के चलते लोग रेलवे लाइन पार कर आवागमन करने को मजबूर हैं। रागौल में चौकी स्थापित कराने की मांग
मौदहा कस्बे का रागौल स्टेशन एक ओर से तो आबादी से जुड़ गया है। वहीं दूसरी ओर खेत व जंगल दूर दूर तक नजर आते है। ऐसे में स्टेशन में रात में खतरा बना रहता है। लोगों ने यहां सुरक्षा को लेकर चौकी स्थापित कराने की मांग की है।