जिला महिला चिकित्सालय बना अखाड़ा
जागरण संवाददाता हमीरपुर जिला महिला चिकित्सालय सीएमएस व स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर अखाड़ा ब
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिला महिला चिकित्सालय सीएमएस व स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर अखाड़ा बना है। जहां आए दिन एक दूसरे पर आरोप लगा हंगामा होता रहता है। ऐसा ही नजारा सोमवार को देखने को मिला। जहां 12 बजे ओपीडी बंद कर सभी चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों को मीटिग के लिए बुला लिया गया। वहीं माइक्रो बायलाजिकल टेस्ट के नाम पर आपरेशन कक्ष बंद रखने के सीएमएस ने निर्देश दिए। जिससे वहां मौजूद सीजर आपरेशन योग्य प्रसव पीड़िताओं के परिजन फफक कर रोते दिखाई दिए।
जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डा. फौजिया अंजुम का वहां तैनात महिला चिकित्सकों डा. पूनम सचान व आशा सचान के अलावा ओटी इंचार्ज विनीता सचान के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से आए दिन विवाद होता रहता है। जिस पर जहां सीएमएस द्वारा चिकित्सकों पर मनमानी करने का आरोप लगाया जाता है। वहीं चिकित्सकों समेत अन्य कर्मियों द्वारा सीएमएस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी वहां प्रसव कराने व इलाज को आने वाले मरीजों को होती है। सोमवार को एक बार फिर यहां तनाव की स्थिति देखने को मिली। जिसके बाद सीएमएस से डा. पूनम सचान को कानपुर देहात के लिए रिलीव कर दिया। वहीं अन्य पर कार्रवाई की बात कही। उन्होंने चिकित्सकों पर गंभीर आरोप लगाए।
बिना पूर्व व्यवस्था के बंद कराया आपरेशन कक्ष
अस्पताल कर्मियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सीएमएस द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। वहीं वाट्सएप ग्रुप में सूचना डाल शनिवार दोपहर आपरेशन कक्ष बंद करने के निर्देश दिए गए। जिसके कारण आपरेशन योग्य प्रसव पीड़िताओं के तीमारदारों द्वारा उन्हें बातें सुनाई जा रही है। वहीं सीएमएस ने इसे हर तीन माह में होने वाले माइक्रो बायलाजिकल टेस्ट के नाम पर बंद रखने की बात कही। तीमारदार दिखे परेशान
कानुपर नगर के टिकवापुर गांव निवासी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी पत्नी प्रियंका को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल लेकर आए, जहां उसे डा. आशा सचान ने सीजर डिलेवरी होने की बात कही। लेकिन ओटी बंद होने के चलते सीएमएस ने बिना देखे उन्हें कानपुर जाने को कहा। - कुरारा क्षेत्र के बेरी गांव निवासी सलीमा ने रोते हुए बताया कि वह अपनी बहू सरीना का प्रसव कराने जिला अस्पताल लेकर आई थी। लेकिन उसे कानपुर ले जाने को कहा जा रहा है। ऐसे में उसके पास इतना रुपया नहीं कि वह उसे वहां ले जा सके। पुरुष अस्पताल की ओटी में व्यवस्था कराने की कही बात सीएमएस डा. फौजिया अंजुम ने बताया कि हर तीन माह में ओटी का कल्चर यानि माइक्रो बायलाजिकल टेस्ट कराया जाता है। जिसमें ऐसा कुछ निकलने पर ओटी बंद रखी जाती है। बताया कि बीत नवंबर 2020 में इसे कराया गया था। जिसे अब पुन: कराया जाना है। कहा ओटी की व्यवस्था के लिए वह सीएमओ को पत्र लिखेंगीं। लिखेंगी।