श्रीकृष्ण-रुकमणी विवाह की कथा सुन भक्त आनंदित
संसू छानी छानी बुजुर्ग के बड़ी देवी मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के
संसू, छानी : छानी बुजुर्ग के बड़ी देवी मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कानपुर से आए कथा व्यास पंडित सुरेश चंद्र तिवारी ने भगवान की अमृतमयी कथा से आनंदित कर भक्तों को कृष्ण के ही रंग में रंग दिया। उन्होंने बताया की वृंदावन बड़ी ही अछ्वुत है जहां भगवान श्रीकृष्ण अनेक लीलाएं की। इसके बाद अक्रूर जी के साथ मथुरा गए। वहां भगवान ने कंस का वध किया। फिर भगवान श्रीकृष्ण ने द्वारका में रुकमणी के साथ विवाह किया। शनिवार को मौसम खराब होने के बाद भी भक्त पहुंचे।
मुख्य कथा यजमान सुखबीर सिंह मुखिया व कमेटी के सदस्य राजकुमार व्यास, राजन सिंह, कल्लू सिंह लंबरदार, राजा सिंह वीरपाल सिंह, सुलखान सिंह, पप्पू तिवारी, अनुरुद्ध तिवारी व क्षेत्र पंचायत सदस्य धीरज चौरसिया सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे। वहीं कुरारा के पतारा गांव स्थित लालदास बाबा समाधि स्थल चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास दिलीप त्रिपाठी कानपुर ने श्रोताओं को मार्मिक कथा सुनाई। यहां ब्रह्मादीन मिश्रा, संजू द्विवेदी, रामकिशोर नामदेव, दिनेश द्विवेदी, बिजभान सिंह, रामस्वरूव यादव, महेश यादव, शुभकरन सोनी, शिवनायक सिंह, बउवा प्रजापति, बबलू प्रजापति सहित ग्रामवासी मौजूद रहे। महापुराण को नियमित सुनने से जीव को प्राप्ति होती है मुक्ति
संसू, पत्योरा : सुमेरपुर के जलाला में श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक नरेंद्राचार्य ने कहा बुरे काम का बुरा नतीजा न मानो तो करके देखो। जैसे गोकर्ण भगवत भक्त थे और उनका भाई धुंधकारी अधर्मी था। जो वैश्याओं के साथ रमण करता था। धुंधकारी की अकाल मृत्यु होने के कारण प्रेत योनि में गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई। जिसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। उन्होंने कहा कि कर्म और धर्म मनुष्य को उचित करने चाहिए।