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70 साल से 'रास्ता' तक रहा विकास

दावे चाहे जितने किए जाएं लेकिन गांव और

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:03 AM (IST)
70 साल से 'रास्ता' तक रहा विकास
70 साल से 'रास्ता' तक रहा विकास

जागरण संवाददाता, महोबा : देश को आजादी मिले 70 साल बीत गए, लेकिन आज भी देश के तमाम हिस्से ऐसे हैं जहां के लोग सिर्फ विकास की राह तक रहे हैं। दावे चाहे जितने किए जाएं, लेकिन हकीकत में समस्याओं की 'गुलामी' करना उनकी मजबूरी है। महोबा जिला मुख्यालय से 50 किमी स्थित ग्योड़ी खन्ना गांव के मजरे शंकर डेरा और कुम्हारन डेरा इसकी बानगी हैं। मुख्य सड़क से यहां पहुंचने के लिए ढाई किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, लेकिन आज तक इस सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका। कई बार ग्रामीण अधिकारियों की चौखट पर गए, लेकिन हर बार ही उन्हें निराशा हाथ लगी।

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ग्योड़ी खन्ना गांव की आबादी तकरीबन 20 हजार है। इसमें शामिल मजरे शंकर डेरा और कुम्हारन डेरा में क्रमश: 2500 और 900 मतदाता है। दोनों डेरा अगल-बगल हैं। मुख्य सड़क से जाने के लिए ढाई किमी का संपर्क मार्ग है जो आजादी के 70 वर्ष बाद भी कच्चा पड़ा है। बारिश के समय यहां जलभराव और कीचड़ हो जाने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मजरों में सरकारी स्कूल न होने की वजह से सैकड़ों छोटे-छोटे बच्चे घुटने तक कीचड़ से होकर गुजरते हैं। यहां रहने वाले बुजुर्ग शिवचरण और ज्ञानचंद्र बताते हैं चुनाव के दौरान यहां नेता आते हैं और हर बार सड़क बनवाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव गुजरने के बाद कभी भी इस ओर नहीं देखते।

पक्की सड़क न बनने से परेशानी होती है। स्कूल में विद्यालय न होने की वजह से बच्चों को दो किलोमीटर दूर तक इसकी सड़क से होकर गुजरना पड़ता है। जहरीले कीड़ों का भी खतरा रहता है, लेकिन मजबूरीवश बच्चों को भेजना पड़ता है।

गजेंद्र सिंह, ग्राम ग्योड़ी खन्ना पक्का संपर्क मार्ग न होने की वजह से बारिश के मौसम में यहां आने-जाने वाले लोगों को अपने परिचितों के यहां रात बितानी पड़ती है। इस गंभीर समस्या के प्रति ग्राम प्रधान और सचिव ध्यान ही नहीं देते। इसी का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

अशोक सिंह, ग्राम ग्योड़ी खन्ना जिम्मेदार कहते हैं कई बार उच्चाधिकारियों और जिला पंचायत अध्यक्ष को अवगत कराया जा चुका है। ग्राम पंचायत निधि से पक्का मार्ग नहीं बनवाया जा सकता। जल्द ही कच्चा संपर्क मार्ग बनवाएंगे, जिससे जलभराव न हो।

- जाहर सिंह, ग्राम प्रधानपति। सड़क के लिए अभी तक जिला कार्ययोजना में कोई प्रस्ताव नहीं गया है, लेकिन ग्राम पंचायत की ओर से यहां मनरेगा के तहत कच्चा मार्ग बनवाया जाएगा। पक्की सड़क के लिए प्रस्ताव दिया गया है।

- बसंत लाल शिवहरे, ग्राम सचिव। प्रधानपति ने सीधे जानकारी दी होती तो जिला योजना की बैठक में प्रस्ताव पेश कर रास्ता बना दिया जाता। संभव है कि कार्यालय में किसी के पास प्रार्थना पत्र छोड़ दिया गया हो। इसीलिए अभी तक मेरे पास तक मांग पत्र नहीं आया।

ममता रमेश यादव, अध्यक्ष जिला पंचायत


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