एक मार्कशीट पर चचेरी बहनें कर रहीं थी नौकरी, जांच
संवाद सहयोगी राठ पडरा गांव में गांव में पिछले 23 वर्षों से चचेरी बहन की मार्कशीट और उ
संवाद सहयोगी, राठ : पडरा गांव में गांव में पिछले 23 वर्षों से चचेरी बहन की मार्कशीट और उसके नाम का सहारा लेकर आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नौकरी करने वाली महिला की जांच डीपीओ ने शुरू कर दी। डीपीओ ने सहायिका के सारे रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं।
कोतवाली के पडरा गांव निवासी मीना पत्नी लालचंद्र ने चचेरी बहन फूलादेवी निवासी वरा जिला महोबा की कक्षा आठ पास की मार्कशीट लगाकर 16 जून 1997 केा आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी शुरू की थी। डीपीओ सुरजीत सिंह ने बताया कि मीनादेवी कक्षा पांच पास है। 23 साल पहले प्रधान के द्वारा अनुमोदित कर नौकरी मिली थी। सहायिका मीना देवी उर्फ फूलादेवी के आय प्रमाण पत्र में असली नाम मीना देवी है। मीनादेवी, फूलादेवी बनकर नौकरी करती चली आ रही हैं। बताया कि मीना देवी की चचेरी बहन फूलादेवी की भी जांच कराई जा रही है। बता दें कि इस खबर को दैनिक जागरण ने 16 सितंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेकर विभागीय अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी।