Move to Jagran APP

आशा कार्यकत्री की हादसे में मौत, छह घंटे नहीं उठने दिया शव

संवाद सूत्र कुरारा कस्बे के थाना गेट के सामने सोमवार दोपहर एक बजे ई-रिक्शे में लोहे क

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 07:41 PM (IST)
आशा कार्यकत्री की हादसे में मौत, 
छह घंटे नहीं उठने दिया शव
आशा कार्यकत्री की हादसे में मौत, छह घंटे नहीं उठने दिया शव

संवाद सूत्र, कुरारा : कस्बे के थाना गेट के सामने सोमवार दोपहर एक बजे ई-रिक्शे में लोहे के दरवाजे लेकर जाते समय पलट जाने से आशा कार्यकत्री की दबकर मौत हो गई। पुलिस ई-रिक्शा चालक को पकड़कर थाने ले आई। वहीं साथी की मौत से नाराज अन्य आशा कार्यकत्रियों ने सीएचसी के बाहर एकत्र होकर हंगामा शुरू कर दिया। वहीं शव को शाम 6:45 बजे तक उठने नहीं दिया। इस दौरान सीएचसी में भारी पुलिस बल तैनात रहा। करीब साढ़े पांच घंटे के बाद एसडीएम के आश्वासन पर कार्यकत्रियां मान गईं। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

loksabha election banner

स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचारी रोग अभियान के तहत क्षेत्र की आशा कार्यकत्रियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें लगभग 40 कार्यकत्रियों भाग लेने आई थीं। स्वास्थ्य विभाग के सुधीर कुमार ने बताया कि बुधवार से ग्रामीण क्षेत्र में वजन दिवस का कार्यक्रम होना था। इसे लेकर बैठक बुलाई गई थी। इसके समापन के बाद दोपहर एक बजे क्षेत्र के बरुआ गांव निवासी आशा कार्यकत्री 40 वर्षीय रानी पत्नी रामशरण सविता अपनी साथी कार्यकत्री ममता व अनुसुइया के साथ अस्पताल से पैदल बस स्टैंड की तरफ जा रही थी। जैसे ही यह तीनों थाने के आगे पहुंची तभी सामने से ई-रिक्शा आ रहा था, जिसमें लोहे के दरवाजे दरवाजे लदे थे। वहीं रानी के पास से निकल रहा ई-रिक्शा पास आकर पलट गया और लोहे का दरवाजा की छड़ उसके सिर में घुस गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मुआवजे व नौकरी के लिए नहीं उठने दिया शव

घटना से नाराज शव को सीएचसी में रखकर आशा कार्यकत्रियों ने मुआवजा दिलाए जाने की मांग शुरू कर दी। मृतका के पति राम शरण ने बताया कि वर्ष 2008 में आशा कार्यकत्री में तैनाती हुई थी। मृतका के चार पुत्र आशीष, कृष्ण कुमार, रामचंद्र, शिव कुमार व एक 18 वर्षीय पुत्री नम्रता शादी योग्य हैं। आशा कार्यकत्रियों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर उच्च अधिकारियों तथा जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़ी रहीं। मृतका के एक स्वजन के एक सदस्य को नौकरी व 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाए जाने की मांग की गई। वहीं शाम करीब चार बजे आशा कार्यकत्रियों ने शव को सड़क में ले जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने शव नहीं ले जाने दिया। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। चालक गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज

दुर्घटना की जानकारी होने पर पुलिस ने मौके पर जाकर ई-रिक्शा व उसके चालक बीर बहादुर को पकड़कर थाने ले गई। वहीं मृतका के पति की तहरीर पर पुलिस ने ई रिक्शा चालक वीर बहादुर पुत्र फूल सिंह निषाद निवासी लल्ली का डेरा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दो बहुओं में एक को मिलेगी तैनाती

साथी की मौत के बाद अड़ीं आशा कार्यकत्रियां सदर एसडीएम राजेश चौरसिया के आश्वासन पर करीब छह घंटे बाद मानीं। एसडीएम ने कहा कि मृतक की दो बहू बीना व सर्वेश हैं। इनमें एक को उसकी पद पर तैनाती दी जाएगी। इसके अलावा प्रशासन की ओर से हर संभव मदद होगी। इस आश्वासन के बाद ही आशा कार्यकत्रियां मानीं और शव को उठने दिया। जिसके बाद देरशाम को शव को मोच्युरी में रखवा दिया गया। क्योंकि अंधेरा होने के कारण पोस्टमार्टम मंगलवार को किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.