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संभावित टिड्डी दल के हमले को लेकर अलर्ट जारी

जागरण संवाददाता हमीरपुर शासन ने टिड्डी दल के संभावित आक्रमण को देखते हुए पहले से त

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 06:26 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 06:26 PM (IST)
संभावित टिड्डी दल के हमले को लेकर अलर्ट जारी
संभावित टिड्डी दल के हमले को लेकर अलर्ट जारी

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : शासन ने टिड्डी दल के संभावित आक्रमण को देखते हुए पहले से तैयारी के जिला प्रशासन को निर्देश दिए है। इस संबंध में कृषि निदेशक ने जिले के उप निदेशक व जिला कृषि अधिकारी को पत्र भेज इसकी व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि किसानों को फसलों को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इसके लिए उन्होंने खेत में तेज आवाज करने की सलाह दी है जिससे टिड्डी दल भाग जाता है।

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संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन से जारी पूर्वानुमान के आधार पर राजस्थान में इस वर्ष फिर टिड्डी दलों के आक्रमण की संभावना व्यक्त की गई है। जिसे देखते हुए शासन ने बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी इससे बचाव की पर्याप्त तैयारी के निर्देश जारी किए गए है। ताकि आकस्मिक आक्रमण की दशा में बचाव के समुचित प्रयास किए जा सके और किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। शासन ने प्रचार प्रसार कर ग्रामीणों व किसानों को इसके प्रति जागरूक करने करने के निर्देश दिए है। तेज आवाज करने का सुझाव

शासन ने टिड्डी दल के प्रभाव को कम करने के लिए उनके आक्रमण के दौरान एक साथ एकत्र होकर टीन के डिब्बों, थालियों, ढोल नगाड़ों, डीजे आदि बजा तेज आवाज करने का सुझाव दिया है। इससे टिड्डी दल आसपास खेतों में बैठ नहीं पाएगा। जिससे नुकसान की संभावना कम होगी। पूरी हो तैयारियां

शासन ने इसके लिए कृषि विभाग को तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए है। जिसमें ब्लाक व जनपद स्तर पर सर्वेक्षण टीम गठित करने व जागरुक करने के निर्देश दिए हैं।

बलुई मिट्टी में सजगता की जरूरत

जानकारी के अनुसार टिड्डी बलुई मिट्टी में प्रजनन व अंडा देते हैं। जो इनके लिए सर्वाधिक अनुकूल होती है। ऐसी दशा में ऐसे क्षेत्रों की जोताई व जलभराव करा इससे बचा जा सकता है। पिछले वर्ष भी टीम ने कई बार टिड्डी दल से मोर्चा लेकर उसे नेस्तनाबूत कर दिया। इस वर्ष भी इसके लिए पर्याप्त प्रबंध किए जा रहे हैं। ताकि किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इसके लिए किसानों के सहयोग की भी जरूरत है।

- डॉ. सरस तिवारी, जिला कृषि अधिकारी


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