हमीरपुर में प्याज व सब्जी के बाद शहद उत्पादन में बनाई पहचान
संवाद सहयोगी राठ (हमीरपुर) खेती के साथ-साथ कुछ करने का जज्बा जागा तो मधुमक्खी पालन कर श
संवाद सहयोगी, राठ (हमीरपुर) : खेती के साथ-साथ कुछ करने का जज्बा जागा तो मधुमक्खी पालन कर शहद की मिठास लोगों में घोल दी। मौजूदा में रघुवीर मधुमक्खी पालन की उन्नत खेती करते हुए कई गांव के किसानों को साथ में जोड़ते जा रहे हैं। अकेले शुरुआत करते हुए दो साल में 24 किसानों को मधुमक्खी पालन से लाभ भी दिलाया है।
क्षेत्र के चिल्ली गांव निवासी रघुवीर राजपूत कई वर्षों से प्याज और सब्जी की खेती करते आ रहे थे। जिसमें औसत दर्जा लाभ नहीं मिल पाता था। बीते दो साल पहले उनके मन में कुछ अलग करने की इच्छा जागृत हुई। तभी उद्यान विभाग से मिलकर अनुदान पर मधुमक्खी पालन की शुरुआत की। रघुवीर सिंह बताते हैं कि मधुमक्खी पालन के लिए मौन इकाई की स्थापना करने के लिए 2.20 लाख की लागत आती है। एकीकृत बागबानी मिशन योजना से 40 फीसद अनुदान पर उसने 88 हजार रुपये में मिले 50 बॉक्सों से शुरुआत कर दी। विभाग ने ही उन्हें ट्रेनिग दी। इस दौरान बताया कि बुंदेलखंड में कोहरा नहीं होता है इसलिए मधुमक्खी पालन का लाभ मिल सकता है। खुद शुरुआत करते हुए लाभ कमाया और गांव सहित खरहैंटा, तुरना, मेहरा सहित कई गांव के दो दर्जन से अधिक किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रेरित कर लाभ कमाया। एक मौन बॉक्स से प्रतिवर्ष 25 से 30 किलो शहद मिलता है। जो अच्छा मुनाफा देता है। उत्पादित शहद को जिले के होम डिलीवरी सप्लाई कर 400 रुपये प्रति किलो करते हैं। बताया कि इस उद्योग के बारे में कई किसानों को भी जानकारियां दी गई हैं।