पत्नी की हत्या के आरोपित पति की जमानत खारिज
जागरण संवाददाता हमीरपुर थाना चिकासी के बंगरा गांव में दहेज की मांग को लेकर पत्नी की
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : थाना चिकासी के बंगरा गांव में दहेज की मांग को लेकर पत्नी की हत्या करने के आरोपित पति की प्रभारी सत्र न्यायाधीश ने जमानत खारिज कर दी है। नारी सशक्तिकरण के तहत महिला उत्पीड़न में अंकुश लगाने को लेकर की गई कार्रवाई से पीड़ित पक्ष को राहत मिलने के साथ न्याय की उम्मीदें बढ़ी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मुस्करा कस्बा निवासी समसुद्दीन ने अपनी बेटी नजमा की शादी 26 नवंबर 2011 को दान दहेज के साथ चिकासी थानाक्षेत्र के बंगरा गांव निवासी मोहम्मद अली से की थी। लेकिन ससुरालीजन दहेज को लेकर संतुष्ट नहीं थे। वहीं अतिरिक्त दहेज की मांग को नजमा को प्रताड़ित करने ले। बताया कि छह जुलाई 2020 को पति समेत अन्य ससुरालीजनों ने उसे लात घूसों व लाठी डंडों से पीटकर घायल कर दिया। नजमा के एक दो वर्ष की बेटी होने के साथ उसके गर्भ में आठ माह का बच्चा था। सात जुलाई को नजमा के पति ने अपने ससुर को बताया कि प्रसव को लेकर वह नौरंगा उसकी बेटी को नौरंगा ले जा रहा है। फिर आठ जुलाई को बताया कि हालत गंभीर होने के चलते राठ ले जा रहे है। ससुर के राठ सीएचसी पहुंचने पर उसकी बेटी मृत मिली। जिस पर ससुर समसुद्दीन ने मृतका के पति, ससुर इनुद्दीन, सास पुनिया, ननद रुकसाना, जुठ नूर मोहम्मद व देवर अनीस के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। विवेचना में जेठ नूर मोहम्मद, देवर अनीस व ननद रुकसाना पर आरोप नहीं बना। जिस पर विवेचक द्वारा मृतका के पति, सास व ससुर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। वही तीनों जिला कारागार में निरुद्ध है। आरोपित पति के पक्ष से मंगलवार को सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर बहस सुनने व साक्ष्यों के गहन अवलोकन के बाद नारी सशक्तिकरण के तहत प्रभारी सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ल ने मोहम्मद अली का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। जबकि आरोपित सास व ससुर का जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में निरस्त किया जा चुका है।